
दिल्ली में 15 साल से ज्यादा पुराने पेट्रोल वाहनों और 10 साल से ज्यादा पुराने डीजल वाहनों को अब सड़कों पर चलाना या पार्क करना भारी पड़ सकता है। Transport Department ने ओवरएज हो चुकी गाड़ियों को लेकर सख्ती बढ़ा दी है और इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की योजना बनाई गई है। सार्वजनिक नोटिस के जरिए साफ कर दिया गया है कि अगर कोई भी ऐसी गाड़ी सड़क पर चलती या सार्वजनिक स्थान पर खड़ी पाई जाती है, तो उसे जब्त कर लिया जाएगा। इसके अलावा वाहन मालिक को टोइंग चार्ज, पार्किंग शुल्क के साथ-साथ ₹5,000 से ₹10,000 तक का जुर्माना भी भरना होगा।
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कैमरे से होगी ओवरएज गाड़ियों की पहचान, फ्यूल नहीं मिलेगा
दिल्ली सरकार का Transport Department अब तकनीक के सहारे ओवरएज गाड़ियों पर शिकंजा कसने जा रहा है। दिल्ली के 477 पेट्रोल और CNG पंपों पर हाई-रेजोल्यूशन कैमरे लगाए गए हैं जो गाड़ियों की नंबर प्लेट को पढ़कर उन्हें पहचान सकेंगे। जैसे ही कोई ओवरएज गाड़ी फ्यूल भरवाने पहुंचेगी, कैमरा नंबर प्लेट स्कैन करके पेट्रोल पंप के स्टाफ को तुरंत अलर्ट कर देगा। इसके बाद ऐसी गाड़ियों को फ्यूल देने से मना कर दिया जाएगा।
अब तक 372 पेट्रोल पंप और 105 CNG स्टेशनों पर ये कैमरे लगाए जा चुके हैं। Transport Department के मुताबिक, अगले 10 से 15 दिनों में शेष 23 पंपों पर भी कैमरे लगाने का काम पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद यह प्रणाली पूरी तरह से लागू हो जाएगी और किसी भी ओवरएज गाड़ी को फ्यूल नहीं मिलेगा।
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55 लाख पुरानी गाड़ियां हो चुकी हैं डी-रजिस्टर्ड
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने पहले ही यह घोषणा की थी कि 1 अप्रैल से इस व्यवस्था को लागू किया जाएगा। हालांकि कैमरे लगाने में हुई देरी के कारण यह नियम उस दिन से पूरी तरह लागू नहीं हो सका। इस बीच Transport Department ने बताया कि दिल्ली में रजिस्टर्ड कुल 55 लाख से अधिक पुरानी गाड़ियों को डी-रजिस्टर्ड कर दिया गया है। इन वाहनों की पूरी सूची विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध है।
डी-रजिस्टर्ड गाड़ियों के मालिक अब इन वाहनों को ना तो दिल्ली की सड़कों पर चला सकते हैं और ना ही सार्वजनिक स्थानों पर पार्क कर सकते हैं। ऐसा करने पर वाहन जब्त किया जाएगा।
घर के बाहर भी गाड़ी खड़ी करने पर होगी कार्रवाई
Transport Department ने यह भी स्पष्ट किया है कि घर के बाहर की जगह भी पब्लिक प्लेस की श्रेणी में आएगी। यानी यदि कोई व्यक्ति अपने घर के बाहर ऐसी पुरानी गाड़ी खड़ी करता है, तो उस पर भी कार्रवाई की जाएगी। विभाग का कहना है कि ऐसे वाहन या तो प्राइवेट पार्किंग में खड़े किए जाएं या फिर Scrap Policy के तहत स्क्रैप करवा दिए जाएं।
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NOC लेकर दिल्ली-एनसीआर से बाहर भेज सकते हैं वाहन
ऐसे वाहन मालिक जो अपनी पुरानी गाड़ियों को दिल्ली-एनसीआर से बाहर ले जाना चाहते हैं, वे रजिस्ट्रेशन खत्म होने के एक साल के भीतर NOC (No Objection Certificate) के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। एक बार NOC मिलने के बाद वाहन को किसी अन्य राज्य में रजिस्टर्ड कराया जा सकता है। हालांकि एक साल बीतने के बाद Transport Department NOC जारी नहीं करेगा।
स्क्रैप पॉलिसी के तहत ऑनलाइन आवेदन की सुविधा
Transport Department ने वाहन मालिकों को यह सलाह दी है कि वे Scrap Policy के तहत अपनी पुरानी गाड़ियों को स्क्रैप कराने के लिए ऑनलाइन आवेदन करें। इससे न केवल उन्हें सरकारी नियमों का पालन करने में सुविधा होगी, बल्कि वाहन का मूल्य भी कुछ हद तक वापस मिल सकेगा। विभाग की वेबसाइट पर स्क्रैप प्रक्रिया की पूरी जानकारी उपलब्ध है।
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पर्यावरण सुरक्षा की दिशा में बड़ा कदम
ओवरएज गाड़ियों को हटाने का यह कदम पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सरकार की बड़ी पहल माना जा रहा है। दिल्ली में पहले से ही वायु प्रदूषण एक गंभीर समस्या रही है, और Transport Department का मानना है कि इस नीति से सड़क पर चल रही प्रदूषण फैलाने वाली पुरानी गाड़ियों की संख्या में भारी गिरावट आएगी। इसके अलावा सड़क सुरक्षा के लिहाज से भी यह कदम अहम है, क्योंकि ओवरएज गाड़ियां तकनीकी रूप से सुरक्षित नहीं मानी जातीं।
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