
8वें वेतन आयोग-8th Pay Commission को लेकर केंद्र सरकार ने अहम कदम उठाने शुरू कर दिए हैं, जिससे लाखों कर्मचारियों और पेंशनर्स की आर्थिक स्थिति में बड़ा सुधार होने की उम्मीद है। मौजूदा रिपोर्टों के मुताबिक, केंद्र सरकार के 47.85 लाख कर्मचारी और 68.62 लाख पेंशन पाने वाले नागरिक इस निर्णय से सीधे लाभान्वित होंगे। इसके प्रभाव केवल केंद्र सरकार तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि राज्यों के कर्मचारी भी इस बदलाव का लाभ उठा सकेंगे।
आयोग के गठन के लिए नियुक्तियां शुरू
सरकार ने इस दिशा में पहला ठोस कदम उठाते हुए 17 अप्रैल 2025 को एक सर्कुलर जारी किया है, जिसमें 35 पदों को भरने की घोषणा की गई है। ये नियुक्तियां प्रतिनियुक्ति के आधार पर की जाएंगी और इन पदों पर तैनात अधिकारी 8वें वेतन आयोग की स्थापना से लेकर उसके कार्यकाल की समाप्ति तक कार्यरत रहेंगे। यह दर्शाता है कि सरकार इस मसले पर तेजी से आगे बढ़ रही है और वेतन आयोग की स्थापना को प्राथमिकता दे रही है।
सर्कुलर के निर्देश और विभागीय जिम्मेदारी
वित्त मंत्रालय द्वारा जारी सर्कुलर में स्पष्ट किया गया है कि ये नियुक्तियां कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग-DoPT द्वारा तय मानकों के तहत की जाएंगी। मंत्रालय ने सभी विभागों से अनुरोध किया है कि वे अपने अधीनस्थ अधिकारियों और कर्मचारियों को इस सर्कुलर की जानकारी दें, ताकि समय रहते योग्य उम्मीदवार आवेदन कर सकें और नियुक्तियों की प्रक्रिया में कोई विलंब न हो।
न्यूनतम बेसिक सैलरी में संभावित बढ़ोतरी
8वें वेतन आयोग की सबसे अहम बातें कर्मचारियों की बेसिक सैलरी, डीए (Dearness Allowance) और अन्य भत्तों से जुड़ी हैं। मौजूदा फिटमेंट फैक्टर 2.57 को बढ़ाकर 2.85 किए जाने की संभावना है, जिससे न्यूनतम सैलरी में सीधा इज़ाफा होगा। इस बदलाव के बाद कर्मचारियों की नई बेसिक सैलरी तय की जाएगी, जिसके आधार पर हाउस रेंट अलाउंस (HRA) और ट्रैवल अलाउंस (TA) जैसे अन्य लाभों को भी पुनः निर्धारित किया जा सकता है।
डीए को बेसिक में जोड़ने की योजना
एक बड़ा बदलाव यह भी हो सकता है कि नए वेतन आयोग के तहत डीए को सीधे बेसिक सैलरी में शामिल कर दिया जाए। इससे कर्मचारियों को दी जाने वाली स्थायी सैलरी में स्थायित्व आएगा और लंबे समय में पेंशन सहित अन्य वित्तीय लाभों में भी सुधार होगा।