8वें वेतन आयोग में हो सकता है बड़ा बदलाव! CGHS की जगह आ रही है नई हेल्थ स्कीम?

8वें वेतन आयोग में हो सकता है बड़ा बदलाव! CGHS की जगह आ रही है नई हेल्थ स्कीम?
8वें वेतन आयोग में हो सकता है बड़ा बदलाव! CGHS की जगह आ रही है नई हेल्थ स्कीम?

जनवरी 2025 में केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के गठन का ऐलान किया, जिसका उद्देश्य न केवल केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतन और पेंशन का पुनर्मूल्यांकन करना है, बल्कि CGHS यानी Central Government Health Scheme सहित अन्य भत्तों और लाभों की समीक्षा भी करना है। इस बार आयोग के एजेंडे में स्वास्थ्य सेवाओं का मुद्दा केंद्र में है, विशेष रूप से CGHS को लेकर बड़े सुधारों की उम्मीद जताई जा रही है।

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8वां वेतन आयोग केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए न सिर्फ वेतन में संशोधन का वाहक है, बल्कि CGHS जैसे महत्वपूर्ण सामाजिक सुरक्षा ढांचे के पुनर्निर्माण का अवसर भी है। अगर CGEPHIS योजना को लागू किया जाता है, तो यह न केवल मौजूदा समस्याओं का समाधान पेश करेगा, बल्कि भविष्य के लिए एक कुशल और समावेशी स्वास्थ्य सेवा मॉडल भी बनेगा।

CGHS क्या है और इसकी भूमिका क्यों है महत्वपूर्ण?

CGHS (केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजना) केंद्र सरकार के कर्मचारियों, पेंशनभोगियों और उनके आश्रितों के लिए एक समर्पित स्वास्थ्य सेवा योजना है, जो परामर्श, इलाज और दवाइयों सहित व्यापक मेडिकल सुविधाएं रियायती दरों पर प्रदान करती है। यह योजना दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई जैसे प्रमुख शहरों में संचालित होती है। हालांकि, CGHS की सबसे बड़ी आलोचना इसकी सीमित भौगोलिक पहुंच और अधोसंरचना की कमी को लेकर रही है, जिसके चलते लाखों कर्मचारी और सेवानिवृत्त लोग योजना से वंचित रह जाते हैं।

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पिछली वेतन आयोगों की सिफारिशें क्या रही हैं?

6वें वेतन आयोग ने CGHS के विकल्प के रूप में एक वैकल्पिक स्वास्थ्य बीमा योजना का सुझाव दिया था, जिसमें कर्मचारियों को स्वेच्छा से शामिल होने का अवसर दिया जाए और बाद में इसे सभी नए भर्ती कर्मचारियों के लिए अनिवार्य बना दिया जाए।

इसके बाद 7वें वेतन आयोग ने इसे और आगे बढ़ाते हुए स्वास्थ्य बीमा को बेहतर और दीर्घकालिक समाधान बताया। उसने यह भी सिफारिश की कि CGHS को CS(MA) और ECHS के तहत सूचीबद्ध अस्पतालों में कैशलेस ट्रीटमेंट की सुविधा प्रदान करनी चाहिए, ताकि कवरेज से बाहर पेंशनभोगियों को राहत मिल सके।

CGEPHIS योजना: CGHS का भविष्य?

2025 की शुरुआत में सरकार के भीतर यह चर्चा फिर से तेज हो गई कि CGHS को “Central Government Employees and Pensioners Health Insurance Scheme” (CGEPHIS) नामक एक नई बीमा आधारित योजना से बदला जाए।

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CGEPHIS को IRDAI-पंजीकृत बीमा कंपनियों के जरिए लागू किया जा सकता है, जिससे पूरे देश में चिकित्सा सेवा की पहुंच बेहतर हो सकेगी। यह प्रस्ताव अभी प्रारंभिक चरण में है और सरकार ने इसके क्रियान्वयन की आधिकारिक घोषणा या समयसीमा अभी तक जारी नहीं की है। लेकिन जानकारों का मानना है कि 8वां वेतन आयोग इस दिशा में कोई ठोस कदम उठा सकता है।

क्या बदल सकता है 8वें वेतन आयोग के साथ?

8th Pay Commission के गठन के बाद अब निगाह इस बात पर टिकी है कि क्या यह आयोग CGHS की सीमित पहुंच, लंबी वेटिंग, और गुणवत्ता की समस्याओं को दूर करने के लिए कोई नया मॉडल पेश करेगा।

अगर CGEPHIS जैसी स्वास्थ्य बीमा आधारित योजना लागू होती है, तो यह पूरे भारत में लाखों केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को बेहतर, आधुनिक और कैशलेस स्वास्थ्य सेवा का अनुभव दे सकती है। बीमा आधारित मॉडल न केवल अधिक अस्पतालों को शामिल करने में सक्षम होगा, बल्कि टियर-2 और टियर-3 शहरों तक भी इसकी पहुंच बनाई जा सकेगी।

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भविष्य की राह: CGHS या स्वास्थ्य बीमा?

स्वास्थ्य सेवाओं के डिजिटलीकरण और healthcare infrastructure में सुधार के इस दौर में सरकार यह मानती है कि पुरानी CGHS प्रणाली अब पर्याप्त नहीं है। एक सेंट्रलाइज्ड, कैशलेस और पोर्टेबल बीमा योजना कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को अधिक सुविधाएं प्रदान कर सकती है।

साथ ही यह व्यवस्था निजी और सरकारी दोनों प्रकार के अस्पतालों के साथ भागीदारी को बढ़ावा दे सकती है। इससे सिर्फ मेट्रो शहरों में ही नहीं, बल्कि ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में भी स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच (Healthcare Access) सुनिश्चित हो सकेगी।

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