बाइक में डीजल इंजन क्यों नहीं आता? कारण जानकर आप भी कहेंगे- सही किया!

बाइक में डीजल इंजन क्यों नहीं आता? कारण जानकर आप भी कहेंगे- सही किया!
बाइक में डीजल इंजन क्यों नहीं आता? कारण जानकर आप भी कहेंगे- सही किया!

बाइक में क्यों नहीं मिलता डीजल इंजन? यह सवाल कई बार बाइक राइडिंग के शौकीनों के मन में आता है। जबकि कार मार्केट में पेट्रोल और डीजल दोनों तरह के इंजन देखने को मिलते हैं, वहीं बाइक सेगमेंट में डीजल इंजन का विकल्प लगभग न के बराबर है। आखिर ऐसा क्यों है? क्या डीजल इंजन बाइक्स के लिए उपयुक्त नहीं है या इसके पीछे कोई तकनीकी और आर्थिक कारण छिपे हैं? इस लेख में हम इस सवाल का विस्तार से जवाब देंगे और जानेंगे कि आखिर मोटरसाइकिल इंडस्ट्री डीजल इंजन से क्यों दूरी बनाए हुए है।

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डीजल और पेट्रोल इंजन की कार्यप्रणाली में अंतर

सबसे पहले यह समझना जरूरी है कि डीजल इंजन और पेट्रोल इंजन की मूलभूत कार्यप्रणाली में क्या फर्क होता है। पेट्रोल इंजन में ईंधन और हवा का मिश्रण पहले तैयार होता है और फिर स्पार्क प्लग की मदद से उसमें आग लगाई जाती है। वहीं, डीजल इंजन में ईंधन को अत्यधिक दबाव में सिलेंडर में इंजेक्ट किया जाता है, जहां पहले से मौजूद गर्म हवा के संपर्क में आकर वह अपने आप जलने लगता है।

इस प्रोसेस के लिए डीजल इंजन को बहुत ज्यादा कम्प्रेशन की जरूरत होती है। इसी कारण डीजल इंजन को मजबूत और भारी मेटल से बनाया जाता है ताकि वह उच्च दबाव को झेल सके।

क्यों नहीं उपयोगी होता डीजल इंजन मोटरसाइकिल में?

डीजल इंजन का भारी वजन

  • डीजल इंजन की सबसे बड़ी कमजोरी उसका भारी वजन है। बाइक एक हल्का और कॉम्पैक्ट वाहन होता है, जिसे हैंडल करना आसान होना चाहिए। डीजल इंजन की वजह से बाइक का कुल वजन काफी बढ़ जाएगा, जिससे उसे बैलेंस करना मुश्किल हो जाएगा और माइलेज भी प्रभावित होगा।

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ज्यादा साइज और स्पेस की जरूरत

  • डीजल इंजन को ज्यादा कम्प्रेशन झेलने के लिए बड़ी संरचना की आवश्यकता होती है। इसका मतलब है कि इंजन का आकार बड़ा होगा और उसे बाइक के फ्रेम में फिट करना चुनौतीपूर्ण हो जाएगा। इससे बाइक का डिजाइन और एर्गोनॉमिक्स बिगड़ जाएगा।

ज्यादा कीमत और मैन्युफैक्चरिंग कॉस्ट

  • डीजल इंजन की निर्माण लागत पेट्रोल इंजन के मुकाबले काफी ज्यादा होती है। इसे बनाने के लिए भारी और मजबूत मटीरियल की जरूरत होती है, जिससे उत्पादन लागत बढ़ जाती है। इसका सीधा असर बाइक की कीमत पर पड़ेगा, और किफायती सेगमेंट की मोटरसाइकिलें महंगी हो जाएंगी।

पावर और स्पीड की असंतुलित आवश्यकता

  • डीजल इंजन पेट्रोल इंजन की तुलना में ज्यादा टॉर्क (torque) जनरेट करता है, लेकिन इसकी RPM (revolutions per minute) रेंज कम होती है। मोटरसाइकिलों में हाई RPM और स्मूद एक्सेलरेशन की जरूरत होती है, जो डीजल इंजन से हासिल करना मुश्किल है।

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कम्फर्ट और वाइब्रेशन

  • डीजल इंजन आमतौर पर ज्यादा वाइब्रेशन पैदा करते हैं। बाइक जैसी हल्की गाड़ी में यह वाइब्रेशन राइडर के लिए असुविधाजनक हो सकता है। इससे न केवल राइडिंग एक्सपीरियंस खराब होता है, बल्कि लंबे समय तक वाहन का रखरखाव भी चुनौतीपूर्ण हो जाता है।

क्या कभी बनी है डीजल बाइक?

ऐसा नहीं है कि डीजल इंजन वाली बाइक कभी बनी ही नहीं। भारत में ‘Royal Enfield Taurus’ नाम की एक डीजल बाइक 1990 के दशक में लॉन्च की गई थी। यह बाइक 325cc के डीजल इंजन के साथ आती थी, लेकिन इसका वजन बहुत ज्यादा था और यह तेज आवाज और वाइब्रेशन की वजह से लोकप्रिय नहीं हो सकी। आखिरकार इसे बंद कर दिया गया।

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भविष्य में डीजल बाइक्स की कोई संभावना?

Renewable Energy और इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर बढ़ते रुझान को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि डीजल इंजन वाली बाइक्स का भविष्य बहुत सीमित है। आज जहां ऑटो इंडस्ट्री इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स की ओर बढ़ रही है, वहीं डीजल जैसे भारी और प्रदूषणकारी ईंधन पर आधारित इंजन का प्रयोग और भी कम होता जा रहा है।

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