
Chardham Yatra Guidelines 2025: केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के पवित्र धामों की यात्रा का शुभारंभ इस वर्ष 30 अप्रैल से हो रहा है। चारधाम यात्रा हिंदू श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत पवित्र और आस्था से जुड़ी हुई यात्रा मानी जाती है। इस वर्ष यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में खासा उत्साह देखा जा रहा है और पंजीकरण (Registration) के आंकड़े रिकॉर्ड तोड़ स्तर पर पहुंच चुके हैं।
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चारधाम के सभी मंदिर हिमालय की ऊंची पहाड़ियों पर स्थित हैं, जिनकी ऊंचाई समुद्र तल से 2700 मीटर से भी अधिक है। इस ऊंचाई पर ऑक्सीजन की कमी, ठंडा मौसम, कम हवा का दबाव और तेज UV Radiation जैसी परिस्थितियां यात्रियों के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव डाल सकती हैं। इन सबको ध्यान में रखते हुए उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड (Uttarakhand Tourism Development Board) ने Chardham Yatra Guidelines 2025 के अंतर्गत विस्तृत Health Advisory जारी की है।
यात्रा की योजना बनाना बेहद जरूरी
Chardham Yatra Guidelines के अनुसार, चारधाम यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं को सलाह दी गई है कि वे यात्रा की योजना कम से कम 7 दिनों की बनाएं। ऐसा करने से शरीर को उच्च हिमालयी क्षेत्र के वातावरण में ढलने का समय मिलेगा। यात्रियों को हर एक घंटे की ट्रैकिंग के बाद या पहाड़ी मार्ग पर वाहन से हर दो घंटे की यात्रा के बाद 5 से 10 मिनट का ब्रेक अवश्य लेना चाहिए।
यदि आप समूह में यात्रा कर रहे हैं, तो यात्रा का समय, रुकने की जगह और आपातकालीन स्थिति की योजना पहले से बना लें। इससे न केवल यात्रा सहज होगी, बल्कि किसी भी अनहोनी से बचा जा सकेगा।
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यात्रा से पहले शरीर को बनाएं फिट
चारधाम यात्रा की तैयारी में सबसे अहम है शरीर को ऊंचाई वाले वातावरण के लिए तैयार करना। रोजाना 5 से 10 मिनट की ब्रीदिंग एक्सरसाइज (Breathing Exercise) करने से फेफड़ों की क्षमता बढ़ती है, जो कम ऑक्सीजन वाले इलाके में मददगार साबित होती है। साथ ही, 20 से 30 मिनट की नियमित वॉक (Walk) से सहनशक्ति में सुधार होता है।
विशेषकर 55 वर्ष से अधिक उम्र वाले यात्रियों, हृदय रोग, अस्थमा, उच्च रक्तचाप या डायबिटीज जैसी बीमारियों से ग्रसित लोगों को यात्रा से पहले चिकित्सकीय जांच (Health Check-up) करानी चाहिए। यदि डॉक्टर यात्रा की अनुमति नहीं देते, तो सुरक्षा को प्राथमिकता दें और यात्रा स्थगित करें।
यात्रा में साथ रखें जरूरी सामान
Chardham Yatra Guidelines में बताया गया है कि ऊनी कपड़े जैसे स्वेटर, थर्मल, पफर जैकेट, दस्ताने और ऊनी मोजे यात्रा में जरूर साथ रखें। बारिश या बर्फबारी से बचने के लिए रेनकोट और छाता पैक करना न भूलें। स्वास्थ्य जांच के लिए पल्स ऑक्सीमीटर और थर्मामीटर भी साथ रखें।
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यदि आप किसी विशेष मेडिकल कंडीशन से ग्रसित हैं, तो अपनी नियमित दवाएं, मेडिकल रिपोर्ट्स और डॉक्टर का संपर्क नंबर अपने पास रखें। यह किसी भी आपात स्थिति में बेहद उपयोगी होगा।
मौसम की जानकारी पहले से लें
चारधाम यात्रा शुरू करने से पहले मौसम की जानकारी जरूर लें। खासकर ऊंचाई वाले क्षेत्रों में मौसम अचानक बदल सकता है, जिससे खतरा बढ़ सकता है। यदि मौसम बहुत ठंडा हो, तो गर्म कपड़ों की व्यवस्था पहले से करें।
इसके साथ ही, यात्रा की तिथि से पहले स्थानीय प्रशासन की वेबसाइट या विश्वसनीय मौसम पूर्वानुमान स्रोतों से मौसम की स्थिति की जानकारी लेते रहें। Chardham Yatra Guidelines में यह स्पष्ट किया गया है कि खराब मौसम में यात्रा करने से बचना चाहिए।
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हेल्थ और सेफ्टी पहले
चूंकि चारधाम यात्रा जोखिमपूर्ण और कठिन यात्रा मानी जाती है, इसलिए उत्तराखंड सरकार की तरफ से सभी यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे स्वास्थ्य को लेकर कोई भी लापरवाही न बरतें। उच्च हिमालयी क्षेत्र में असमय स्वास्थ्य बिगड़ने की संभावना अधिक होती है, इसीलिए एक छोटी सी लापरवाही बड़ी परेशानी का कारण बन सकती है।
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