चप्पल पहनकर बाइक चलाई तो कट सकता है चालान? जानिए कानून क्या कहता है – वरना पछताना पड़ेगा

चप्पल पहनकर बाइक चलाई तो कट सकता है चालान? जानिए कानून क्या कहता है – वरना पछताना पड़ेगा
चप्पल पहनकर बाइक चलाई तो कट सकता है चालान? जानिए कानून क्या कहता है – वरना पछताना पड़ेगा

अक्सर सोशल मीडिया और सड़क सुरक्षा से जुड़े मंचों पर यह सवाल उठता है कि क्या चप्पल पहनकर बाइक चलाने पर चालान (Fine) कट सकता है? कई लोग इसको लेकर असमंजस में रहते हैं और कई बार ऐसा भी देखने को मिला है कि लोगों ने शिकायत की कि उन्हें चप्पल पहनकर टू-व्हीलर चलाने पर फाइन भरना पड़ा। लेकिन क्या वाकई में ऐसा कोई कानून है जो चप्पल या लुंगी-बनियान पहनकर बाइक चलाने पर चालान का प्रावधान करता है?

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मोटर वाहन अधिनियम में क्या कहता है कानून?

भारत में वाहनों के संचालन से जुड़े नियम मोटर वाहन अधिनियम 1988 (Motor Vehicles Act 1988) के तहत बनाए गए हैं। इस कानून में स्पष्ट रूप से यह उल्लेख नहीं है कि चप्पल पहनकर टू-व्हीलर चलाने पर किसी तरह का चालान किया जाएगा। यानी अगर कोई व्यक्ति चप्पल पहनकर बाइक या स्कूटी चला रहा है, तो पुलिस को उसके खिलाफ चालान काटने का कोई वैधानिक आधार नहीं है।

क्यों होता है भ्रम?

इस भ्रम का कारण सोशल मीडिया पर वायरल होने वाली खबरें और पुलिसकर्मियों की व्यक्तिगत राय हो सकती है। कई बार पुलिस सड़क सुरक्षा को लेकर सख्त होती है और ऐसे में अगर कोई व्यक्ति बिना हेलमेट या अपर्याप्त सुरक्षा गियर के साथ ड्राइव करता है, तो उन्हें रोका जाता है। वहीं, कुछ राज्यों में स्थानीय स्तर पर पुलिसकर्मी लोगों को सलाह देने के साथ चालान काटने की चेतावनी भी देते हैं, जिससे आम लोगों में यह गलतफहमी पैदा होती है कि चप्पल पहनना भी अपराध है।

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सुरक्षा के लिहाज से क्यों ज़रूरी है जूते पहनना?

भले ही कानून चप्पल पहनकर बाइक चलाने पर पेनल्टी नहीं लगाता, लेकिन सड़क सुरक्षा (Road Safety) के लिहाज से यह बेहद अहम है कि राइडर उपयुक्त जूते पहने। चप्पल या खुले सैंडल पहनकर गाड़ी चलाने से ब्रेकिंग में दिक्कत आ सकती है, स्लिप होने की संभावना होती है और दुर्घटना की स्थिति में पैर को गंभीर चोट लग सकती है।

अच्छे क्वालिटी के शूज़ और राइडिंग गियर (Riding Gear) पहनने से न केवल हादसे से बचा जा सकता है बल्कि गंभीर चोटों से भी सुरक्षा मिलती है।

लुंगी या बनियान पहनकर बाइक चलाना भी नहीं है अपराध

कई बार सोशल मीडिया पर ऐसी तस्वीरें सामने आती हैं, जिनमें पुलिस लुंगी, हाफ शर्ट या बनियान पहनकर बाइक चला रहे लोगों को रोकते हुए नजर आती है। यह ध्यान रखना जरूरी है कि मोटर वाहन अधिनियम में ड्रेस कोड को लेकर भी कोई सख्त प्रावधान नहीं है। हां, यह जरूर है कि पुलिस सड़क पर एक अच्छी छवि और अनुशासन बनाए रखने के लिए लोगों को उपयुक्त पहनावे की सलाह देती है, लेकिन इसके लिए चालान नहीं काटा जा सकता।

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राइडिंग के लिए क्या होना चाहिए उपयुक्त पहनावा?

हालांकि कोई कानूनी बाध्यता नहीं है, लेकिन हर राइडर को यह समझना चाहिए कि खुद की सुरक्षा उसकी प्राथमिक ज़िम्मेदारी है। टू-व्हीलर चलाते समय निम्न चीज़ों का ध्यान रखना चाहिए:

  • हेलमेट पहनना अनिवार्य है।
  • मजबूत और ग्रिप वाले जूते पहनना चाहिए।
  • यदि संभव हो तो जैकेट, ग्लव्स और अन्य राइडिंग गियर पहनें।
  • ढीले या लटकते हुए कपड़े न पहनें, जो पहिए में फँस सकते हैं।

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