ATM Withdrawal Charges: अब ATM से रुपये निकालने पर देना होगा 23 रुपये का चार्ज, 1 मई से बदलेगा नियम

ATM Withdrawal Charges: अब ATM से रुपये निकालने पर देना होगा 23 रुपये का चार्ज, 1 मई से बदलेगा नियम
ATM Withdrawal Charges: अब ATM से रुपये निकालने पर देना होगा 23 रुपये का चार्ज, 1 मई से बदलेगा नियम

बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। एटीएम से कैश निकालना (ATM Withdrawal Charges) अब आपकी जेब पर अतिरिक्त बोझ डाल सकता है। भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India – RBI) द्वारा 28 मार्च 2025 को किए गए ऐलान के मुताबिक, अगले हफ्ते से एटीएम ट्रांजेक्शन पर लगने वाला चार्ज बढ़ा दिया जाएगा। वर्तमान में ग्राहकों से हर अतिरिक्त ट्रांजेक्शन के लिए 21 रुपये वसूले जाते हैं, लेकिन अब यह शुल्क 23 रुपये कर दिया गया है।

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क्या है नया बदलाव?

RBI के नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, 1 अप्रैल 2025 से ग्राहकों को तीन मुफ्त ट्रांजेक्शन (Free ATM Transactions) के बाद हर एटीएम ट्रांजेक्शन पर 23 रुपये का शुल्क देना होगा। पहले यह शुल्क 21 रुपये था। यानी प्रत्येक अतिरिक्त ट्रांजेक्शन पर अब 2 रुपये ज्यादा देने होंगे।

यह नियम मेट्रो शहरों (Metro Cities) जैसे नई दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु आदि पर पहले से लागू फ्री ट्रांजेक्शन पॉलिसी के बाद की ट्रांजेक्शन पर लागू होगा।

क्यों लगता है एटीएम से कैश निकालने पर चार्ज?

जब कोई ग्राहक अपने बैंक की बजाय किसी अन्य बैंक के एटीएम से पैसा निकालता है, तो संबंधित बैंक इंटरचेंज फीस (Interchange Fee) वसूलता है। यह फीस बैंक द्वारा उस सेवा के लिए ली जाती है जो उसने दूसरे बैंक के ग्राहक को प्रदान की है। इसके बदले में ग्राहक का बैंक उसे यह शुल्क Withdrawal Charges के रूप में ट्रांसफर कर देता है।

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किस तरह बचा जा सकता है अतिरिक्त शुल्क से?

बढ़े हुए चार्ज से बचने के लिए आपको अपनी मासिक नकद जरूरत की सही योजना बनानी होगी। यदि आप पहले ही अनुमान लगा लें कि महीने में कितनी बार कैश निकालने की आवश्यकता होगी, तो तीन फ्री ट्रांजेक्शन के भीतर ही निकासी करें।

साथ ही, अब जब UPI Payment System और ATM Card स्वाइप जैसी सुविधाएं तेजी से बढ़ी हैं, तो इनका उपयोग कर कैश की जरूरत को कम किया जा सकता है। आजकल लगभग हर दुकान, मॉल, और यहां तक कि छोटे विक्रेता भी UPI स्वीकार कर रहे हैं। इससे कैश की आवश्यकता में कमी आती है और Withdrawal Charges बचाए जा सकते हैं।

एटीएम ट्रांजेक्शन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें

  • मेट्रो शहरों में हर महीने 3 ट्रांजेक्शन फ्री, इसके बाद 23 रुपये प्रति ट्रांजेक्शन।
  • गैर-मेट्रो शहरों में 5 ट्रांजेक्शन फ्री की सुविधा अभी जारी है।
  • फ्री ट्रांजेक्शन में बैलेंस चेक और मिनी स्टेटमेंट शामिल नहीं होते।
  • केवल कैश निकासी पर ही चार्ज लिया जाता है जब फ्री लिमिट पार हो जाती है।

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RBI का तर्क क्या है?

RBI का मानना है कि एटीएम में नोट भरने, मशीन के रखरखाव, इंटरचेंज सिस्टम और नेटवर्क लागत में लगातार वृद्धि हो रही है। ऐसे में बैंकों के लिए यह जरूरी हो गया है कि वह इन सेवाओं पर खर्च होने वाली राशि की आंशिक भरपाई ग्राहकों से करें।

हालांकि यह निर्णय आम लोगों को प्रभावित कर सकता है, लेकिन डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने की दिशा में यह एक और कदम माना जा सकता है।

कैश के बजाय डिजिटल विकल्प क्यों हैं बेहतर?

  • UPI (Unified Payments Interface) ने अब तक के सबसे आसान और तेज पेमेंट विकल्पों में अपनी जगह बनाई है।
  • मोबाइल वॉलेट्स जैसे PhonePe, Google Pay, Paytm ने पेमेंट को बेहद सरल बना दिया है।
  • डिजिटल भुगतान पर कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगता, जिससे यह अधिक फायदेमंद विकल्प बनता है।
  • डिजिटल भुगतान से ट्रांजेक्शन का रिकॉर्ड भी रहता है, जिससे बजट बनाना आसान होता है।

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