
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन-EPFO ने फरवरी 2025 में 7.39 लाख नए सदस्यों को अपने नेटवर्क में जोड़ा, जो पिछले चार महीनों की तुलना में सबसे कम है। इससे पहले जनवरी में 8.23 लाख, दिसंबर में 8.47 लाख और नवंबर में 8.74 लाख नए सदस्य जुड़े थे। अक्टूबर 2024 में यह संख्या करीब 7.50 लाख थी। इस गिरावट के बावजूद कुल नेट मेंबर एडिशन फरवरी में 16.10 लाख रहा, जो सालाना आधार पर 3.99% की बढ़ोतरी दर्शाता है।
इस आंकड़े से यह स्पष्ट होता है कि भले ही नए जोड़ने वालों की संख्या थोड़ी घटी हो, लेकिन कुल मिलाकर EPFO की सदस्यता में बढ़त जारी है। यह भारतीय श्रम बाजार की स्थिरता और संगठित क्षेत्र में नौकरियों की निरंतर उपलब्धता को दर्शाता है।
युवाओं की बड़ी भागीदारी, पहली बार जॉब करने वालों की संख्या सबसे अधिक
फरवरी में जुड़ने वाले नए सब्सक्राइबर्स में सबसे अधिक हिस्सा 18 से 25 वर्ष की उम्र के युवाओं का रहा। 4.27 लाख नए सदस्य इसी आयु वर्ग से जुड़े, जो कुल जोड़ का 57.71% है। यह ट्रेंड दर्शाता है कि वर्कफोर्स में शामिल हो रहे लोगों में बड़ी संख्या में युवा शामिल हैं, जो मुख्य रूप से पहली बार नौकरी शुरू कर रहे हैं।
यह इस बात का संकेत भी है कि देश में रोजगार के अवसरों में युवा पीढ़ी को प्राथमिकता मिल रही है और EPFO एक मजबूत प्लेटफॉर्म के रूप में उभर रहा है, जहां से ये युवा अपने करियर की शुरुआत कर रहे हैं।
जॉब बदलने वाले कर्मचारियों की वापसी, EPFO में दोबारा पंजीकरण में वृद्धि
करीब 13.18 लाख सदस्य ऐसे थे जिन्होंने पहले EPFO से बाहर हो गए थे लेकिन फरवरी में दोबारा इससे जुड़ गए। यह संख्या पिछले साल के मुकाबले 11.85% अधिक रही। इनमें वे लोग शामिल हैं जिन्होंने नौकरी बदली और अब किसी ऐसी कंपनी में कार्यरत हैं जो EPFO के दायरे में आती है।
इस ट्रेंड से यह स्पष्ट होता है कि EPFO न केवल पहली बार नौकरी करने वालों के लिए उपयोगी है, बल्कि यह जॉब शिफ्ट करने वाले पेशेवरों के लिए भी एक विश्वसनीय विकल्प बना हुआ है।
महिलाओं की भागीदारी में वृद्धि, कार्यबल में विविधता का संकेत
फरवरी 2025 में करीब 2.08 लाख नई महिला सब्सक्राइबर्स EPFO से जुड़ीं। यह पिछले साल की तुलना में 1.26% की वार्षिक वृद्धि है। इसके अलावा, महिला नेट पे-रोल की वृद्धि 3.37 लाख रही, जो फरवरी 2024 की तुलना में 9.23% अधिक है।
इस डेटा से यह साफ है कि महिलाएं संगठित कार्यबल में और अधिक सक्रिय हो रही हैं और EPFO इस वृद्धि को दर्ज कर रहा है। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि कार्यस्थलों में लैंगिक समावेशन बढ़ रहा है और महिलाओं को प्रोफेशनल स्पेस में ज्यादा अवसर मिल रहे हैं।
महाराष्ट्र सबसे आगे
EPFO के आंकड़ों के अनुसार, टॉप पांच राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों ने कुल नेट पे-रोल का 59.75% हिस्सा जोड़ा, जो लगभग 9.62 लाख सदस्य हैं। इनमें सबसे आगे महाराष्ट्र रहा, जिसने 20.9% नेट पे-रोल वृद्धि दर्ज की।
इसके बाद तमिलनाडु, कर्नाटक, गुजरात, हरियाणा, दिल्ली, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश जैसे राज्य भी प्रमुख योगदानकर्ताओं में रहे, जिनमें प्रत्येक ने कुल नेट पे-रोल का 5% से अधिक जोड़ा। इस राज्यवार वृद्धि से स्पष्ट है कि इन क्षेत्रों में रोजगार के अवसर अधिक हैं और EPFO की पहुंच मजबूत बनी हुई है।