
छत्तीसगढ़ में पड़ रही भीषण गर्मी और लू (Heatwave) की स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी स्कूलों में ग्रीष्मकालीन अवकाश (Summer Vacation) की तारीख को पूर्व निर्धारित तिथि से पहले लागू करने का निर्णय लिया है। आमतौर पर यह अवकाश एक मई से आरंभ होता था, लेकिन इस वर्ष मौसम की भयावहता को ध्यान में रखते हुए 25 अप्रैल 2025 से 15 जून 2025 तक ग्रीष्मकालीन अवकाश घोषित किया गया है।
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राज्य के स्कूल शिक्षा विभाग ने इस बाबत आदेश जारी करते हुए कहा कि यह अवकाश सभी शासकीय, अशासकीय, अनुदान प्राप्त और गैर अनुदान प्राप्त स्कूलों में लागू होगा। हालांकि यह छुट्टी केवल छात्रों के लिए मान्य होगी, शिक्षकों को नियमानुसार उपस्थिति दर्ज करानी होगी।
नईदुनिया की रिपोर्टिंग का दिखा असर, सरकार ने तुरंत लिया निर्णय
इस अहम फैसले के पीछे प्रमुख भूमिका निभाई है प्रतिष्ठित समाचार पत्र नईदुनिया की रिपोर्टिंग ने। अखबार ने राज्य सरकार का ध्यान आकृष्ट करते हुए यह मुद्दा प्रमुखता से उठाया कि कैसे प्रदेश के लाखों बच्चों को चिलचिलाती धूप और लू के बीच स्कूल जाना पड़ रहा है। रिपोर्ट में खास तौर पर बताया गया कि जहां एकल पाली वाले स्कूल सुबह 7 से 11 बजे तक संचालित हो रहे थे, वहीं दो पाली वाले स्कूलों में हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी के छात्र दोपहर 2 बजे तक की कक्षाएं अटेंड कर रहे थे।
करीब एक हजार स्कूलों के पांच लाख से अधिक छात्रों पर इस स्थिति का सीधा असर पड़ रहा था। यह रिपोर्ट सामने आने के बाद सरकार ने तत्काल संज्ञान लिया और राहत भरा फैसला सुनाया।
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रायपुर में तापमान 44.4 डिग्री तक पहुंचा, जनजीवन प्रभावित
राजधानी रायपुर समेत प्रदेश के विभिन्न जिलों में तापमान लगातार रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच रहा है। रायपुर में अधिकतम तापमान 44.4 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 29.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। गर्म हवा के थपेड़े और लू के कारण जनजीवन बुरी तरह प्रभावित है। ऐसे में छोटे बच्चों के लिए यह स्थिति अत्यधिक असुरक्षित मानी जा रही थी।
छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन ने भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर गर्मी की छुट्टियों की मांग की थी। संगठन ने स्पष्ट किया कि बच्चों का स्वास्थ्य सर्वोपरि है और इस मौसम में स्कूल संचालन खतरनाक साबित हो सकता है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का अपील, छुट्टियों को रचनात्मक ढंग से मनाएं
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अपने आधिकारिक एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट पर घोषणा करते हुए लिखा, “प्रदेश में पड़ रही भीषण गर्मी और लू को देखते हुए छात्रों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई है। इसलिए सभी शासकीय एवं गैर शासकीय स्कूलों में 25 अप्रैल से 15 जून तक ग्रीष्मकालीन अवकाश घोषित किया गया है।”
मुख्यमंत्री ने बच्चों से आग्रह किया कि वे तेज धूप से बचें, पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं, घर पर रहें और इस दौरान रचनात्मक गतिविधियों (Creative Activities) में भाग लें। उन्होंने कहा कि बच्चे इस अवकाश का आनंद लें और सुरक्षित रहें।
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60 लाख से अधिक छात्रों को मिली राहत
इस निर्णय से प्रदेश के करीब 60 लाख छात्रों ने राहत की सांस ली है। अभिभावक और शिक्षक वर्ग ने भी सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। इसके साथ ही बच्चों को अब समय मिलेगा कि वे स्कूल के तनाव से मुक्त होकर घर पर मनपसंद गतिविधियों में भाग ले सकें। यह निर्णय न केवल स्वास्थ्य की दृष्टि से अहम है, बल्कि बच्चों के मानसिक विकास के लिए भी लाभकारी सिद्ध हो सकता है।
शिक्षा विभाग की गाइडलाइन के अनुसार स्कूलों में प्रशासनिक कार्य होंगे जारी
हालांकि छात्रों को अवकाश दिया गया है, पर शिक्षकों और अन्य स्कूल स्टाफ को अपनी नियमित उपस्थिति दर्ज करनी होगी। ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान प्रशासनिक कार्यों, परीक्षा परिणामों की तैयारी और आगामी सत्र की योजनाओं पर कार्य जारी रहेगा।
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