पासपोर्ट वेरिफिकेशन के नियम बदले! अब नहीं जाना पड़ेगा थाने – जानिए पूरा नया प्रोसेस

पासपोर्ट वेरिफिकेशन के नियम बदले! अब नहीं जाना पड़ेगा थाने – जानिए पूरा नया प्रोसेस
पासपोर्ट वेरिफिकेशन के नियम बदले! अब नहीं जाना पड़ेगा थाने – जानिए पूरा नया प्रोसेस

मोदीनगर। पासपोर्ट वेरिफिकेशन (Passport Verification) को लेकर अब लोगों को थानों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं होगी। गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट (Ghaziabad Police Commissionerate) ने एक नई व्यवस्था लागू की है, जिसके तहत बीट कॉन्स्टेबल अब सीधे आवेदकों के घर जाकर उनका वेरिफिकेशन करेंगे। यह पहल खासकर उन लोगों के लिए बड़ी राहत है, जो पहले थाने जाकर दस्तावेज़ जमा करने और पुलिस के बुलावे का इंतजार करने को मजबूर होते थे।

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प्रतिदिन 30 से 40 पासपोर्ट वेरिफिकेशन, अब नहीं होगी परेशानी

गाजियाबाद के मोदीनगर, मुरादनगर, निवाड़ी और भोजपुर थानों में प्रतिदिन लगभग 30 से 40 पासपोर्ट वेरिफिकेशन के आवेदन आते हैं। पहले इन आवेदनों के वेरिफिकेशन के लिए संबंधित व्यक्ति को थाने बुलाया जाता था, जिससे समय और संसाधनों की बर्बादी होती थी। अब इस प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए पुलिस ने बीट कॉन्स्टेबल को सीधे आवेदकों के घर भेजने का निर्णय लिया है।

क्या थी पुरानी प्रक्रिया?

पहले पासपोर्ट वेरिफिकेशन के लिए संबंधित थाना पुलिस व्यक्ति को कॉल करके थाने बुलाती थी। वहाँ दस्तावेज, फोटो और अन्य विवरण जमा करवाने होते थे। इस प्रक्रिया में समय की बर्बादी के साथ-साथ कई बार नागरिकों को परेशानियों का सामना करना पड़ता था। साथ ही, कुछ मामलों में अवैध वसूली के आरोप भी लगते रहे हैं।

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नई प्रणाली से कैसे मिलेगा लाभ?

इस नई व्यवस्था में अब संबंधित बीट कॉन्स्टेबल व्यक्ति के घर जाकर वेरिफिकेशन करेंगे। वे पासपोर्ट कार्यालय से आए वेरिफिकेशन अनुरोध को लेकर मौके पर जाएंगे, दस्तावेजों की जांच करेंगे और व्यक्ति से उसी समय हस्ताक्षर कराएंगे। फिर यह वेरिफिकेशन रिपोर्ट थाने में जमा की जाएगी।

इस प्रक्रिया से न केवल लोगों का समय बचेगा, बल्कि उन्हें अनावश्यक तनाव और थाने में चक्कर लगाने से भी मुक्ति मिलेगी।

अवैध वसूली पर लगेगी रोक

गौरतलब है कि पासपोर्ट वेरिफिकेशन के नाम पर थानों में कई बार अवैध उगाही (Illegal Collection) की शिकायतें मिलती रही हैं। कुछ मामलों में वेरिफिकेशन करने के बदले में 500 से 1000 रुपये तक मांगे जाते थे। लेकिन अब जब पुलिस खुद व्यक्ति के घर जाकर वेरिफिकेशन करेगी, तो इन अवैध गतिविधियों पर भी लगाम लगेगी। यह बदलाव भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

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मोदीनगर सर्किल में शुरू हुआ अमल

मोदीनगर सर्किल में यह नई प्रक्रिया पहले ही लागू कर दी गई है। क्षेत्र के एसीपी ज्ञान प्रकाश राय ने बताया कि सभी बीट कॉन्स्टेबल को पासपोर्ट वेरिफिकेशन की जिम्मेदारी दी गई है और वे घर जाकर वेरिफिकेशन करना शुरू कर चुके हैं। थाना प्रभारियों को भी इस नई व्यवस्था की पूरी जानकारी दे दी गई है और उसे प्रभावी ढंग से लागू किया जा रहा है।

सिस्टम में पारदर्शिता और समय की बचत

इस नई व्यवस्था से न केवल प्रक्रिया पारदर्शी हुई है, बल्कि पुलिस और आम नागरिकों के बीच विश्वास भी बढ़ेगा। नागरिकों को अब यह डर नहीं रहेगा कि उनके वेरिफिकेशन में देरी या भ्रष्टाचार की वजह से पासपोर्ट मिलने में अड़चन आएगी। इससे पासपोर्ट प्रक्रिया भी पहले से अधिक सहज और समयबद्ध हो सकेगी।

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भविष्य की दिशा में एक आधुनिक कदम

गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट की यह पहल आधुनिक पुलिसिंग और नागरिक सुविधा की दिशा में एक अहम कदम है। आने वाले समय में अगर यह मॉडल सफल रहता है, तो इसे अन्य जिलों और राज्यों में भी लागू किया जा सकता है। इससे ई-गवर्नेंस (E-Governance) को भी बल मिलेगा और पुलिसिंग प्रणाली में सुधार आएगा।

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