
Gold Rate Trends इन दिनों निवेशकों और बाजार विश्लेषकों के बीच चर्चा का बड़ा विषय बना हुआ है। हाल के दिनों में सोने की कीमतों में जबरदस्त उतार-चढ़ाव देखा गया है। वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता, अमेरिका-चीन के बीच ट्रेड वॉर और केंद्रीय बैंकों की खरीदारी जैसी स्थितियों ने सोने को एक बार फिर ‘सुरक्षित निवेश’ के तौर पर स्थापित कर दिया है।
यह भी देखें: बच्चों के लिए भी बनता है PAN कार्ड! जानिए कैसे और किन ज़रूरतों के लिए होता है जरूरी
शुक्रवार को मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर सोने का जून वायदा भाव 93,736 रुपये प्रति 10 ग्राम के उच्चतम स्तर तक पहुंच गया। अब सवाल उठ रहा है कि क्या सोना 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के आंकड़े को पार कर पाएगा या मौजूदा तेजी अस्थायी है?
Gold Rate Trends को लेकर बाजार में दो तरह की राय है—एक तरफ तेजी का समर्थन है तो दूसरी ओर संभावित गिरावट की आशंका। इस स्थिति में यह कहना मुश्किल है कि अगला ट्रेंड क्या होगा। लेकिन इतना जरूर है कि वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता और भू-राजनीतिक तनावों के चलते सोना अभी भी निवेश के लिए एक मजबूत विकल्प बना हुआ है। निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे भावनाओं में बहकर नहीं, बल्कि तथ्य आधारित रणनीति के साथ आगे बढ़ें।
यह भी देखें: पता नहीं याद पैन या आधार नंबर? घर बैठे ऐसे करें ऑनलाइन पता – आसान स्टेप्स में पूरा प्रोसेस
वैश्विक घटनाओं का प्रभाव: क्यों बढ़ रही है Gold की कीमत?
विश्लेषकों का मानना है कि Gold Rate Trends पर वैश्विक राजनीतिक और आर्थिक घटनाओं का गहरा असर हो रहा है। स्प्रॉट एसेट मैनेजमेंट के सीनियर पोर्टफोलियो मैनेजर रयान मैकिन्टायर के अनुसार, केंद्रीय बैंकों की भारी खरीद और अमेरिका की टैरिफ नीति से पैदा हुई वैश्विक अनिश्चितता सोने की कीमतों को मजबूत समर्थन दे रही है।
कोलिन शाह, जो कामा ज्वेलरी के एमडी हैं, ने कहा कि अगर अमेरिकी फेडरल रिजर्व इस साल दो बार ब्याज दरों में कटौती करता है, तो सोने के 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंचने की संभावना मजबूत हो सकती है। उनकी राय में आर्थिक अस्थिरता के समय सोना सबसे भरोसेमंद निवेश साबित होता है।
यह भी देखें: दिल्ली की नई नीति से महिलाओं को मिल सकता है ₹36,000 तक सस्ता इलेक्ट्रिक स्कूटर – जानें कब होगा ऐलान
क्या सोना $4,500 प्रति औंस तक जा सकता है?
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के कमोडिटी हेड किशोर नार्ने का मानना है कि सोने की कीमतों की कोई “ऊपरी सीमा” नहीं है। उनके अनुसार, सोना $4,000-$4,500 प्रति औंस तक भी जा सकता है। यदि ऐसा होता है तो भारत में सोने की कीमतें 1 लाख रुपये से भी ऊपर जा सकती हैं, बशर्ते डॉलर-रुपया एक्सचेंज रेट में कोई बड़ा बदलाव न हो।
दूसरी राय: क्या मौजूदा तेजी अस्थायी है?
अबांस फाइनेंशियल सर्विसेज के सीईओ चिंतन मेहता इस तेजी को लेकर कुछ हद तक संशय में हैं। उनका कहना है कि मौजूदा तेजी पिछले ट्रेंड्स का विस्तार भर है, न कि कोई नई शुरुआत। उन्होंने कहा कि बाजार में अधिकांश “बुलिश फैक्टर” पहले ही शामिल हो चुके हैं, इसलिए अब सोने की कीमतों में लंबी छलांग की संभावना कम है।
यह भी देखें: 8वें वेतन आयोग में हो सकता है बड़ा बदलाव! CGHS की जगह आ रही है नई हेल्थ स्कीम?
क्या गिरावट की शुरुआत होने वाली है?
जहां कुछ एक्सपर्ट्स 1 लाख रुपये तक सोने के जाने की संभावना जता रहे हैं, वहीं कुछ विशेषज्ञ गिरावट की चेतावनी भी दे रहे हैं। मॉर्निंगस्टार के मार्केट स्ट्रैटेजिस्ट जॉन मिल्स का मानना है कि Gold Rate में गिरावट आ सकती है। उनके अनुसार, सोना $1,820 प्रति औंस तक गिर सकता है जो मौजूदा $3,080 प्रति औंस से लगभग 38-40% की गिरावट होगी। इसका सीधा असर भारतीय बाजार पर पड़ेगा और सोने की कीमत 56,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक आ सकती है।
क्या करें निवेशक? सतर्कता है जरूरी
मौजूदा Gold Rate Trends को देखते हुए निवेशकों के सामने चुनौती यह है कि वे कब और कितना निवेश करें। एक तरफ जहां कीमतों में तेजी के कारण लाभ कमाने का मौका है, वहीं दूसरी तरफ संभावित गिरावट निवेश को जोखिमपूर्ण बना सकती है। विशेषज्ञों की राय है कि निवेशकों को किसी भी निर्णय से पहले बाजार की स्थितियों का सूक्ष्मता से मूल्यांकन करना चाहिए और लंबी अवधि के निवेश दृष्टिकोण को अपनाना चाहिए।
2 thoughts on “अगर अमेरिका ने लिया ये फैसला, तो ₹1 लाख पार कर जाएगा सोना! बाजार में डर का माहौल”