बैंक लॉकर में रखा सोना-चांदी अगर गायब हो जाए तो क्या मिलेगा क्लेम? जानिए सभी नियम

बैंक लॉकर में रखा सोना-चांदी अगर गायब हो जाए तो क्या मिलेगा क्लेम? जानिए सभी नियम
बैंक लॉकर में रखा सोना-चांदी अगर गायब हो जाए तो क्या मिलेगा क्लेम? जानिए सभी नियम

बैंक लॉकर (Bank Locker) का इस्तेमाल देश के लाखों लोग अपने कीमती गहनों, दस्तावेजों और महत्वपूर्ण वस्तुओं को सुरक्षित रखने के लिए करते हैं। इसके लिए बैंक द्वारा ग्राहकों से वार्षिक किराया लिया जाता है। लेकिन क्या आपको पता है कि अगर लॉकर से कोई सामान गायब हो जाए या नुकसान हो तो इसकी भरपाई कौन करेगा? भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इस संबंध में कई अहम गाइडलाइंस जारी की हैं जिनका जानना हर लॉकर उपभोक्ता के लिए जरूरी है।

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बैंक की जिम्मेदारी क्या होती है?

बैंक लॉकर की सुरक्षा सुनिश्चित करना बैंक की जिम्मेदारी होती है। अगर बैंक की लापरवाही से लॉकर में चोरी हो जाती है, डकैती होती है या फिर किसी बैंक कर्मचारी द्वारा धोखाधड़ी की जाती है, तो इस स्थिति में बैंक की जवाबदेही तय होती है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की गाइडलाइन के अनुसार, यदि बैंक की ओर से किसी तरह की लापरवाही के चलते लॉकर में रखे सामान को नुकसान होता है या वह चोरी होता है, तो बैंक को मुआवजा देना होगा।

कितना मिलता है मुआवजा?

लॉकर के वार्षिक किराए के आधार पर मुआवजे की राशि तय की जाती है। मुआवजा अधिकतम लॉकर किराए के 100 गुना तक हो सकता है। उदाहरण के लिए, अगर किसी लॉकर का सालाना किराया 5000 रुपये है, तो अधिकतम मुआवजा 5 लाख रुपये तक मिलेगा। हालांकि, अगर लॉकर में रखा सामान इस राशि से अधिक मूल्य का है, तो भी अधिक मुआवजा नहीं दिया जाएगा। इसलिए बेहतर होगा कि लॉकर में रखे सामान का अलग से बीमा (Insurance) करवा लिया जाए।

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प्राकृतिक आपदा से नुकसान की स्थिति में क्या होगा?

भूकंप, बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं के कारण यदि लॉकर में रखा सामान नष्ट होता है, तो बैंक इसकी जिम्मेदारी नहीं लेता। ऐसी स्थिति में ग्राहक को कोई मुआवजा नहीं मिलेगा, जब तक कि यह साबित न हो कि नुकसान बैंक की लापरवाही से हुआ है।

क्या लॉकर में नकदी (Cash) रखी जा सकती है?

रिजर्व बैंक की गाइडलाइंस के मुताबिक, बैंक लॉकर में नकदी या किसी भी तरह की करेंसी नहीं रखी जा सकती है। लॉकर का उपयोग केवल जरूरी दस्तावेज, आभूषण, गहने और अन्य कीमती वस्तुएं रखने के लिए किया जा सकता है। यदि कोई व्यक्ति लॉकर में नकदी रखता है और वह चोरी या नष्ट हो जाती है, तो बैंक इसके लिए जिम्मेदार नहीं माना जाएगा।

लॉकर से सामान खो जाने पर क्या करें?

अगर लॉकर से कोई कीमती सामान गायब हो जाए, तो सबसे पहले बैंक को इसकी सूचना दें और लिखित में शिकायत दर्ज करवाएं। अगर आपको किसी तरह की संदिग्ध गतिविधि का शक हो तो पुलिस में एफआईआर (FIR) कराएं। लॉकर में जो सामान रखा गया है, उसके प्रमाण इकट्ठे रखें जैसे गहनों की तस्वीरें, बिल या बीमा दस्तावेज ताकि जरूरत पड़ने पर उन्हें सबूत के तौर पर पेश किया जा सके।

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नॉमिनी और जॉइंट लॉकर की सुविधा

बैंक लॉकर लेते समय ग्राहक नॉमिनी (Nominee) नियुक्त कर सकता है, जिससे उसकी अनुपस्थिति या मृत्यु की स्थिति में लॉकर को आसानी से एक्सेस किया जा सके। इसके अलावा, आप चाहें तो जॉइंट लॉकर (Joint Locker) भी ले सकते हैं, जिसमें दो या दो से अधिक व्यक्ति मिलकर लॉकर का उपयोग कर सकते हैं।

लॉकर से जुड़ी कुछ जरूरी सावधानियां

बैंक लॉकर में रखे सामान की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उसका बीमा करवा लेना समझदारी होगी। इसके अलावा, लॉकर में रखे सामान की सूची बनाकर रखें और समय-समय पर उसकी जांच करते रहें। कम से कम साल में एक बार लॉकर खोलकर सामान की जांच जरूर करें। साथ ही, लॉकर एग्रीमेंट को ध्यान से पढ़ें और उसमें दी गई शर्तों को अच्छी तरह समझें।

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