
देश में इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करने से लेकर बैंकिंग और वित्तीय लेनदेन तक, पर्मानेंट अकाउंट नंबर (PAN) एक अनिवार्य दस्तावेज़ बन चुका है। समय के साथ PAN कार्ड के विभिन्न संस्करण सामने आए हैं—Normal PAN, e-PAN और अब नया PAN 2.0। ऐसे में आम लोगों के मन में यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि इन तीनों में क्या फर्क है और उनके लिए कौन-सा PAN कार्ड सबसे बेहतर विकल्प है।
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वर्तमान डिजिटल युग में सरकार का उद्देश्य डॉक्युमेंटेशन को आसान, तेज और पेपरलेस बनाना है। इसी प्रयास का परिणाम है e-PAN और PAN 2.0 जैसे वर्जन। इस लेख में हम विस्तार से समझेंगे कि इन तीनों PAN कार्ड वर्जन में क्या अंतर है और किसे चुनना आपके लिए समझदारी भरा फैसला हो सकता है।
Normal PAN, e-PAN और PAN 2.0 तीनों का अपना अलग महत्व और उपयोग है। सरकार समय के साथ दस्तावेजों को आधुनिक और सिक्योर बनाने की दिशा में तेजी से काम कर रही है। आपके लिए कौन-सा PAN कार्ड उपयुक्त है, यह आपकी जरूरत, सुविधा और तकनीकी समझ पर निर्भर करता है। आने वाले समय में PAN 2.0 को व्यापक रूप से अपनाया जाएगा, ऐसे में इसके लिए तैयार रहना समझदारी होगी।
क्या है Normal PAN?
Normal PAN कार्ड, सबसे पारंपरिक और प्रारंभिक वर्जन है जो भौतिक रूप में (Physical Form) प्राप्त होता है। इसे फॉर्म भरकर या ऑनलाइन आवेदन करके मंगवाया जा सकता है और फिर यह स्पीड पोस्ट के जरिए आवेदक के पते पर भेजा जाता है।
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इस कार्ड पर आवेदक का नाम, जन्मतिथि, फोटो, हस्ताक्षर और 10 अंकों की अल्फा-न्यूमेरिक PAN संख्या अंकित होती है। इसे पहचान पत्र के रूप में कई जगह इस्तेमाल किया जा सकता है, जैसे कि बैंक खाता खोलना, IPO में निवेश करना, बड़ी खरीदारी करना या इनकम टैक्स से संबंधित कार्य करना।
क्या है e-PAN?
e-PAN एक डिजिटल पर्मानेंट अकाउंट नंबर है, जिसे इलेक्ट्रॉनिक रूप में जारी किया जाता है। यह पूरी तरह पेपरलेस प्रक्रिया के तहत बनता है और PDF फॉर्मेट में आपके ईमेल पर भेजा जाता है।
e-PAN की सबसे बड़ी खासियत इसकी स्पीड और सुविधा है। आधार कार्ड से लिंक करके महज 10 मिनट में e-PAN प्राप्त किया जा सकता है, बशर्ते आपकी KYC पूरी हो। इसे डिजिटल साइन किया गया होता है, जिससे इसकी वैधता बनी रहती है। e-PAN को जरूरत पड़ने पर प्रिंट भी कराया जा सकता है।
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क्या है PAN 2.0?
PAN 2.0, PAN कार्ड का अपग्रेडेड वर्जन है जिसे हाल ही में आयकर विभाग ने लॉन्च किया है। यह सामान्य PAN और e-PAN दोनों का मिश्रण है लेकिन इसमें कई अतिरिक्त फीचर्स जोड़े गए हैं।
PAN 2.0 को डिजिटल फॉर्मेट और सिक्योरिटी फीचर्स के हिसाब से बेहतर बनाया गया है। इसमें एक QR कोड होता है जिसमें कार्डधारक की डिटेल्स एन्क्रिप्टेड रूप में मौजूद रहती हैं। स्कैन करने पर नाम, जन्मतिथि, फोटो, PAN नंबर आदि की पुष्टि तुरंत की जा सकती है। यह कार्ड डिजिटली और फिजिकली दोनों रूपों में उपलब्ध होता है।
क्या फर्क है इन तीनों PAN कार्ड में?
Normal PAN पारंपरिक तरीका है जिसमें प्रोसेस थोड़ा धीमा हो सकता है और कार्ड फिजिकल रूप में घर पहुंचता है।
e-PAN पूरी तरह डिजिटल और तेजी से मिलने वाला विकल्प है, जिसमें आवेदन से लेकर प्राप्ति तक सभी प्रक्रिया ऑनलाइन होती है।
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PAN 2.0 एक आधुनिक और सिक्योर विकल्प है, जिसमें डिजिटल फीचर्स ज्यादा हैं और सिक्योरिटी को महत्व दिया गया है। यह खासतौर पर आने वाले समय में इस्तेमाल के लिए उपयुक्त माना जा रहा है।
किसे चुनना आपके लिए सही रहेगा?
- अगर आपको फिजिकल डॉक्युमेंट की आदत है और डिजिटल माध्यम में सहज नहीं हैं, तो Normal PAN आपके लिए ठीक रहेगा।
- अगर आपको तुरंत PAN चाहिए, और आप आधार आधारित KYC कर चुके हैं, तो e-PAN सबसे तेज और सरल विकल्प है।
- अगर आप सिक्योरिटी, भविष्य की डिजिटल जरूरतों और एडवांस फीचर्स को प्राथमिकता देते हैं, तो PAN 2.0 आपके लिए आदर्श हो सकता है।
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सरकार का उद्देश्य: डिजिटल इंडिया और ई-गवर्नेंस
PAN 2.0 की शुरुआत भारत सरकार की डिजिटल इंडिया पहल के तहत की गई है। इसका उद्देश्य दस्तावेजों की सत्यता को सुनिश्चित करना और फर्जीवाड़े को रोकना है। QR कोड जैसे फीचर्स इस दिशा में अहम साबित होंगे।
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