आपका फोन कर रहा है आपकी जासूसी? इस सेटिंग को तुरंत करें बंद वरना खतरे में पड़ सकती है प्राइवेसी

आपका फोन कर रहा है आपकी जासूसी? इस सेटिंग को तुरंत करें बंद वरना खतरे में पड़ सकती है प्राइवेसी
आपका फोन कर रहा है आपकी जासूसी? इस सेटिंग को तुरंत करें बंद वरना खतरे में पड़ सकती है प्राइवेसी

जब भी आप किसी चीज़ के बारे में सोचते हैं या दोस्तों से बात करते हैं, और फिर अचानक वही चीज़ आपके फोन (Phone) पर दिखने लगती है — जैसे उसी से जुड़ा एड, वीडियो या आर्टिकल — तो क्या कभी आपने सोचा है कि ऐसा कैसे होता है? क्या वाकई में आपका फोन आपकी बातें सुनता है?

इस सवाल का जवाब जितना चौंकाने वाला है, उतना ही जरूरी भी है। जी हां, आपका स्मार्टफोन आपके ऊपर नजर रखता है और खासतौर से आपके माइक्रोफोन (Microphone) के जरिए। मगर अच्छी खबर ये है कि आप खुद इसे कंट्रोल कर सकते हैं और अपनी प्राइवेसी (Privacy) को बेहतर बना सकते हैं।

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आपका स्मार्टफोन केवल एक कम्युनिकेशन डिवाइस नहीं है, बल्कि ये एक बेहद संवेदनशील ट्रैकिंग टूल बन चुका है। चाहे वह आपकी बातचीत हो, लोकेशन हो या ब्राउज़िंग पैटर्न — हर चीज़ का इस्तेमाल आपकी आदतों को समझने में किया जा रहा है।

कैसे फोन की Microphone Access बनती है खतरा

हर स्मार्टफोन में कई एप्लीकेशन्स इंस्टॉल होती हैं और इनमें से ज़्यादातर को माइक्रोफोन एक्सेस की परमिशन मिली होती है। यानी कोई भी ऐप, अगर उसे अनुमति दी गई है, तो आपकी बातचीत सुन सकता है।

भले ही आपने कभी कोई वॉयस कमांड न दिया हो या कॉल न की हो, फिर भी अगर ऐप को माइक्रोफोन एक्सेस दिया गया है, तो वो आपकी गतिविधियों को सुन सकता है और उसके आधार पर आपको टार्गेटेड कंटेंट दिखा सकता है।

यही वजह है कि जब आप किसी ट्रिप, प्रोडक्ट या सर्विस की चर्चा करते हैं, तो उसी से जुड़ा एड कुछ देर बाद आपके इंस्टाग्राम, यूट्यूब या फेसबुक पर नजर आने लगता है।

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Microphone Access को बंद कर के कैसे करें अपनी प्राइवेसी को सुरक्षित

अगर आप अपनी बातें फोन से छुपाना चाहते हैं, तो आपको जरूरत है Permission Settings में बदलाव करने की। यहां आप चुन सकते हैं कि कौन-सा ऐप माइक्रोफोन यूज करे और कौन नहीं।

Android फोन में ऐसे करें सेटिंग्स में बदलाव

  1. सबसे पहले फोन की Settings में जाएं।
  2. Security & Privacy ऑप्शन पर क्लिक करें।
  3. स्क्रॉल करके Privacy सेक्शन चुनें।
  4. अब Permission Manager पर टैप करें।
  5. यहां माइक्रोफोन एक्सेस वाली सभी ऐप्स की लिस्ट दिखाई देगी।

अब आप एक-एक करके उन ऐप्स पर क्लिक कर सकते हैं जिन्हें आप माइक्रोफोन एक्सेस देना चाहते हैं या नहीं।

तीन विकल्प मिलते हैं:

  • Allow all the time – ऐप को हर वक्त माइक्रोफोन यूज़ करने की इजाजत देता है।
  • Ask every time – जब भी ऐप माइक्रोफोन यूज़ करना चाहेगा, आपसे परमिशन मांगेगा।
  • Don’t allow – ऐप को पूरी तरह से माइक्रोफोन एक्सेस नहीं मिलेगा।

उदाहरण के तौर पर, अगर आप YouTube या किसी और ऐप पर क्लिक करते हैं, तो आप इसे “Ask Every Time” पर सेट कर सकते हैं। इससे आपकी बातें तब तक रिकॉर्ड नहीं होंगी जब तक आप खुद अनुमति न दें।

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क्या माइक्रोफोन एक्सेस हटाने से ऐप्स काम करना बंद कर देंगे?

इस सवाल का जवाब है — बिल्कुल नहीं। आपके ऐप्स जैसे यूट्यूब, फेसबुक, इंस्टाग्राम, गूगल क्रोम आदि सामान्य तरीके से काम करते रहेंगे। बस उनकी वो क्षमता हट जाएगी जिसके जरिए वे बिना पूछे आपकी बातों को सुन सकते हैं।

कुछ ऐप्स जैसे वॉयस रिकॉर्डर, गूगल असिस्टेंट, वॉट्सऐप कॉलिंग आदि को माइक्रोफोन एक्सेस जरूरी होता है। ऐसे ऐप्स के लिए आप “Ask Every Time” या “Allow while using” जैसे विकल्प रख सकते हैं।

क्यों जरूरी है Microphone Access को सीमित करना?

डिजिटल युग में डेटा ही सबसे बड़ा हथियार बन चुका है। कंपनियां यूज़र्स की निजी जानकारी और व्यवहार को समझकर उन्हें कस्टमाइज्ड एड दिखाती हैं। आपकी बातचीत, रुचि, पसंद और ज़रूरतों को ऐप्स के जरिए ट्रैक किया जाता है।

इसलिए अगर आप नहीं चाहते कि आपकी हर बात बिज़नेस के लिए इस्तेमाल हो, तो जरूरी है कि आप अपने स्मार्टफोन की प्राइवेसी सेटिंग्स को खुद कंट्रोल करें।

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क्या फोन आपकी बातें सुनता है?

तकनीकी रूप से बात करें तो, हां — अगर किसी ऐप को माइक्रोफोन एक्सेस दी गई है तो वह आपकी बातें सुन सकता है। हालांकि कई कंपनियां इस पर सफाई देती हैं कि वे बिना इजाजत ऐसा नहीं करतीं। मगर कई बार ये गतिविधि बैकग्राउंड में होती है और यूज़र को पता भी नहीं चलता।

यही वजह है कि विशेषज्ञों का सुझाव है कि अनावश्यक ऐप्स से माइक्रोफोन एक्सेस छीन लेना ही बेहतर होता है।