
अगर आप किसी कंपनी में नौकरी करते हैं, तो आपका पीएफ अकाउंट (Provident Fund Account) जरूर होगा। यह खाता आपकी सैलरी से हर महीने कटने वाली एक निश्चित राशि को सेव करता है। इसमें कर्मचारी की सैलरी का 12% योगदान होता है और उतनी ही राशि एम्प्लॉयर (Employer) की ओर से भी जमा की जाती है। यह खाता न सिर्फ आपकी बचत का माध्यम है, बल्कि रिटायरमेंट के बाद एक फाइनेंशियल सिक्योरिटी भी देता है।
पीएफ अकाउंट भारत सरकार के ईपीएफओ-EPFO (Employees’ Provident Fund Organisation) द्वारा संचालित किया जाता है। इसमें जमा की गई राशि को आप जरूरत पड़ने पर निकाल सकते हैं, जो आपके लिंक्ड बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर दी जाती है। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि जो बैंक अकाउंट लिंक किया गया है, वह बंद हो जाता है या काम नहीं करता। ऐसे में ज़रूरी हो जाता है कि आप दूसरा बैंक खाता अपने पीएफ अकाउंट से लिंक करें।
EPFO पोर्टल से नया बैंक खाता कैसे जोड़ें?
अगर आपका पुराना बैंक खाता बंद हो गया है या उसमें कोई तकनीकी समस्या है, तो आप आसानी से दूसरा बैंक खाता जोड़ सकते हैं। इसके लिए ईपीएफओ का यूनिफाइड मेंबर पोर्टल (https://unifiedportal-mem.epfindia.gov.in/memberinterface/) पर जाएं। यहां सबसे पहले अपने यूएएन नंबर-UAN Number और पासवर्ड के ज़रिए लॉगिन करें।
लॉगिन के बाद स्क्रीन पर दिखाई देने वाले ‘Manage’ टैब पर क्लिक करें। इसके बाद ड्रॉपडाउन मेनू से KYC ऑप्शन को चुनें। यहां आपको बैंक सेक्शन मिलेगा, जिसमें आप नया बैंक अकाउंट जोड़ सकते हैं। अब आपको नए बैंक खाते की सारी डिटेल्स भरनी होंगी—जैसे अकाउंट नंबर और आईएफएससी कोड (IFSC Code)।
इन जानकारियों को भरने के बाद कंफर्मेशन बटन पर क्लिक करें। फिर आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी (OTP) आएगा। उसे डालते ही आपका दूसरा बैंक अकाउंट आपके पीएफ खाते से लिंक हो जाएगा।
बिना KYC बैंक अकाउंट जोड़ना असफल क्यों होता है?
EPFO की गाइडलाइन के अनुसार, आप केवल KYC-verified और Active बैंक अकाउंट को ही अपने पीएफ खाते से लिंक कर सकते हैं। अगर आपने जो अकाउंट डाला है, वह KYC पूरा नहीं करता या इन्एक्टिव है, तो प्रोसेस सफल नहीं होगा। इसलिए नया बैंक खाता जोड़ने से पहले यह सुनिश्चित करें कि उसमें KYC अपडेट है और वह ऑपरेशनल स्थिति में है।
पीएफ क्लेम करते समय किन बातों का ध्यान रखें?
ईपीएफओ का कहना है कि जब कोई कर्मचारी पीएफ क्लेम (PF Claim) करता है, तो संबंधित दस्तावेजों और डिटेल्स की सावधानीपूर्वक जांच की जाती है। इसके बाद ही यह क्लेम स्वीकृत होता है। फाइल को स्वीकृति अधिकारी या प्रभारी (Sanctioning Officer-Incharge) के माध्यम से ई-ऑफिस फाइलिंग सिस्टम से अप्रूव किया जाता है।
EPFO की ओर से यह भी सलाह दी गई है कि कर्मचारी एक ही यूएएन नंबर-UAN बनाए रखें और जब भी वे नौकरी बदलें, तो पुराने सभी सर्विस रिकॉर्ड को नए एम्प्लॉयर के जरिए उसी UAN से लिंक कराएं। इससे ना सिर्फ प्रोसेस आसान होगा, बल्कि क्लेम में देरी भी नहीं होगी।
क्या पीएफ खाते में एक से ज्यादा बैंक अकाउंट लिंक हो सकते हैं?
नहीं, EPFO की प्रणाली एक समय में सिर्फ एक एक्टिव बैंक अकाउंट को पीएफ खाते से लिंक करने की अनुमति देती है। हालांकि आप जरूरत पड़ने पर पुराने अकाउंट को हटाकर नया जोड़ सकते हैं। इसके लिए ऊपर बताए गए प्रोसेस को दोहराएं और नया खाता अपडेट करें।
पीएफ ट्रांसफर और पैसा निकालने में देरी कैसे रोकी जाए?
अगर आप समय पर अपना पीएफ ट्रांसफर या क्लेम करना चाहते हैं, तो कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखें:
- हमेशा KYC कंप्लीटेड बैंक अकाउंट लिंक करें।
- एक ही UAN का प्रयोग करें।
- नौकरी बदलने के बाद तुरंत अपना सर्विस हिस्ट्री अपडेट कराएं।
- EPFO पोर्टल पर समय-समय पर लॉगिन कर जानकारी अपडेट करते रहें।
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