
पर्सनल फाइनेंस (Personal Finance) की दुनिया में बैंक खाता (Bank Account) की भूमिका बेहद अहम होती है। कई बार लोग अपने बचत खाते (Savings Account) में पैसे जमा करके लंबे समय तक बिना किसी लेन-देन के छोड़ देते हैं, ताकि इमर्जेंसी के समय उसका इस्तेमाल किया जा सके। लेकिन जब अचानक पैसे की जरूरत पड़ती है तो खाता निष्क्रिय (Inactive Account) या डॉरमेंट (Dormant Account) हो जाने के कारण पैसे निकालना मुश्किल हो जाता है।
इस लेख में हम जानेंगे कि बैंक खाता निष्क्रिय और डॉरमेंट कैसे होता है, इसका क्या असर पड़ता है और इससे कैसे बचा जा सकता है।
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खाता निष्क्रिय (Inactive) कैसे होता है?
जब किसी बचत खाते या चालू खाते में 12 महीने यानी एक साल तक कोई ट्रांजेक्शन (Transaction) नहीं होता, तो बैंक उस खाते को निष्क्रिय घोषित कर देता है। ऐसे में खाता बंद नहीं होता, लेकिन कुछ बैंकिंग सेवाएं सीमित कर दी जाती हैं। जैसे कि ऑनलाइन बैंकिंग, एटीएम से निकासी, बैलेंस चेक करना आदि अस्थायी रूप से बंद हो सकते हैं।
बैंक सुरक्षा कारणों से यह फैसला लेते हैं ताकि कोई धोखाधड़ी न हो सके। हालांकि, खाते को पूरी तरह से ब्लॉक नहीं किया जाता जब तक कि कोई संदिग्ध गतिविधि न पाई जाए।
डॉरमेंट खाता (Dormant Account) क्या होता है?
जब निष्क्रिय खाता लगातार 24 महीने यानी दो साल तक भी बिना किसी लेन-देन के चलता है, तो बैंक उसे डॉरमेंट घोषित कर देता है। डॉरमेंट खाते में किसी भी तरह का ट्रांजेक्शन मुमकिन नहीं होता। यहां तक कि ऑनलाइन ट्रांसफर, एटीएम से पैसे निकालना, चेक से भुगतान आदि सब पर रोक लग जाती है।
इस स्थिति में बैंक उस खाते पर कड़ी निगरानी रखता है और किसी भी सेवा के लिए उपयोगकर्ता से KYC प्रक्रिया पूरी करवाने की मांग करता है।
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निष्क्रिय और डॉरमेंट खाते पर बैंकिंग सेवाओं का असर
निष्क्रिय और डॉरमेंट खाते पर मुख्य रूप से निम्नलिखित सेवाओं पर प्रभाव पड़ता है:
- एटीएम से निकासी संभव नहीं होती
- इंटरनेट बैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग सीमित या बंद हो जाती है
- ट्रांजेक्शन असफल हो सकते हैं
- चेक क्लियर नहीं होता
- नया डेबिट कार्ड या चेकबुक जारी नहीं होती
हालांकि, खाते में जमा रकम पर सामान्य ब्याज (Interest) मिलता रहता है।
खाता निष्क्रिय या डॉरमेंट हो जाने पर क्या करें?
अगर आपका खाता निष्क्रिय हो गया है, तो चिंता की बात नहीं है। बैंक में जाकर कुछ आसान प्रक्रियाओं को पूरा करके खाते को दोबारा सक्रिय किया जा सकता है:
- संबंधित बैंक ब्रांच में जाकर KYC डॉक्यूमेंट (जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट आदि) जमा करें
- एक फॉर्म भरें जिसमें आप खाता सक्रिय करने की रिक्वेस्ट दें
- एक छोटा ट्रांजेक्शन करें, जैसे कि कुछ रुपये जमा या निकासी करें, ऑनलाइन ट्रांसफर करें या UPI का इस्तेमाल करें
बिना किसी शुल्क के खाता फिर से सक्रिय किया जा सकता है।
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निष्क्रिय होने से खाता कैसे बचाएं?
आप अपने बैंक खाते को निष्क्रिय होने से बचाने के लिए इन आसान उपायों का पालन कर सकते हैं:
- हर कुछ महीनों में खाते में कोई ट्रांजेक्शन करते रहें, चाहे वो छोटा ही क्यों न हो
- एटीएम से पैसे निकालें या जमा करें
- नेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग या UPI, NEFT, RTGS जैसे माध्यमों से लेन-देन करते रहें
- अगर आपके खाते से किसी EMI की ऑटो डेबिट सुविधा जुड़ी हुई है और खाते में बैलेंस बना रहता है, तो खाता निष्क्रिय नहीं होता
इस तरह के नियमित लेन-देन आपके खाते को एक्टिव बनाए रखने में मदद करते हैं।