
Credit Card Charges से जुड़े एक अहम सच को बहुत से ग्राहक नज़रअंदाज़ कर देते हैं। जब भी कोई नया क्रेडिट कार्ड (Credit Card) लेने की बात आती है, तो बैंक या फाइनेंशियल कंपनी की तरफ से फोन आता है। कॉल करने वाला व्यक्ति बड़ी ही मीठी आवाज़ में कहता है, “सर, आपको लाइफटाइम फ्री क्रेडिट कार्ड ऑफर किया जा रहा है। आपकी क्रेडिट लिमिट भी शानदार है।” ऐसे में बहुत से लोग बिना ज्यादा सोचे-समझे कार्ड लेने के लिए हां कर देते हैं।
लेकिन असल कहानी तब शुरू होती है, जब क्रेडिट कार्ड आपकी जेब में आ जाता है और आप इसका इस्तेमाल शुरू करते हैं। फ्री के नाम पर मिलने वाला ये कार्ड बिलकुल भी फ्री नहीं होता। जैसे ही आपने कार्ड एक्टिवेट किया, बैंक आपसे कम से कम 5 तरह के चार्ज वसूलने लगता है। इन चार्जेस के बारे में जानकारी अक्सर ग्राहकों को नहीं होती, और यही बात बैंक के फेवर में जाती है।
Annual Fee और Renewal Charges की हकीकत
कई बार ग्राहक सोचते हैं कि उन्होंने जो कार्ड लिया है वो लाइफटाइम फ्री है, लेकिन बैंक सालाना शुल्क (Annual Fee) और रिन्युअल शुल्क (Renewal Charges) के नाम पर हर साल चार्ज वसूलता है। कुछ कार्ड्स पर पहले साल की Annual Fee माफ होती है, लेकिन अगले साल से ये शुल्क लागू हो जाता है।
यह शुल्क ₹500 से लेकर ₹5000 तक हो सकता है, जो कार्ड की वैल्यू और बैंक की पॉलिसी पर निर्भर करता है। ग्राहक सोचते हैं कि वो कार्ड का इस्तेमाल कर ही नहीं रहे तो चार्ज क्यों लगेगा, लेकिन कार्ड एक्टिव रहते ही ये चार्ज ऑटोमैटिक अकाउंट से कट जाता है।
Cash Withdrawal पर लगता है भारी शुल्क
Credit Card से अगर आप ATM से नकद निकालते हैं तो ये सबसे महंगा सौदा साबित होता है। बैंक इसपर 2.5% से 3.5% तक कैश विथड्रॉल चार्ज लगाते हैं, और इसके अलावा इंटरस्ट चार्ज भी उसी दिन से लगना शुरू हो जाता है।
यानी अगर आपने ₹10,000 निकाले तो आपको ₹250 से ₹350 तक चार्ज देना होगा और अगर आपने ये रकम समय पर वापस नहीं की तो 36% तक की सालाना ब्याज दर से अतिरिक्त रकम चुकानी पड़ सकती है।
GST और अन्य टैक्स भी चुपचाप काटे जाते हैं
Credit Card पर लगने वाले चार्जेस पर भी GST लागू होता है, जो वर्तमान में 18% है। जैसे ही बैंक कोई फाइन, लेट पेमेंट चार्ज या एनुअल फीस लगाता है, उस पर 18% GST भी जोड़ दिया जाता है।
उदाहरण के तौर पर अगर किसी कार्ड पर ₹1000 की एनुअल फीस है तो आपको कुल ₹1180 का भुगतान करना होगा। बैंक ग्राहकों को इस बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं देता, जिससे कई बार लोगों को पता भी नहीं चलता कि असली चार्ज कितना है।
Late Payment और Overlimit Charges की चालाकी
अगर आपने ड्यू डेट के बाद पेमेंट किया तो बैंक लेट पेमेंट फीस वसूलता है, जो ₹100 से लेकर ₹1300 तक हो सकती है, कार्ड के Outstanding Balance के अनुसार।
इसके अलावा अगर आपने अपनी क्रेडिट लिमिट से ज्यादा खर्च कर लिया, तो ओवरलिमिट चार्ज भी देना होगा। ये चार्ज आमतौर पर ओवरलिमिट रकम का 2.5% से 3% तक होता है, और उस पर भी GST अलग से जुड़ता है।
Reward Points की असल सच्चाई
Credit Card कंपनियां अक्सर Reward Points का लालच देती हैं, लेकिन बहुत कम ग्राहक यह समझ पाते हैं कि इन रिवॉर्ड पॉइंट्स को रिडीम करने की प्रक्रिया काफी जटिल होती है।
कई बार रिवॉर्ड्स को रिडीम करने के लिए ग्राहक को एक न्यूनतम प्वाइंट लिमिट तक पहुंचना होता है। साथ ही रिडेम्पशन पर भी शुल्क या टैक्स लग सकता है। इससे ग्राहक को मिलने वाला वास्तविक लाभ बहुत कम हो जाता है।
बैंक की रणनीति और ग्राहक की चूक
बैंक और फाइनेंशियल कंपनियां जानती हैं कि अधिकतर ग्राहक डॉक्यूमेंट्स या टर्म्स एंड कंडीशन्स नहीं पढ़ते। वे इस बात पर भरोसा कर लेते हैं कि फोन पर जो बताया गया वही सही है।
लेकिन हकीकत ये है कि क्रेडिट कार्ड से जुड़ी चार्जेस की पूरी जानकारी बहुत बारीकी से छिपाई जाती है या जटिल भाषा में दी जाती है, जिससे ग्राहक भ्रमित हो जाते हैं।
क्या है समाधान?
अगर आप Credit Card का इस्तेमाल करना चाहते हैं, तो सबसे पहले उसकी टर्म्स एंड कंडीशन्स को ध्यान से पढ़ें। जानें कि कार्ड पर कौन-कौन से चार्ज लग सकते हैं। किसी भी चार्ज को लेकर भ्रम की स्थिति हो तो बैंक से स्पष्ट जानकारी लें।
फ्री के नाम पर मिलने वाले कार्ड्स में छिपे चार्जेस को समझना बेहद जरूरी है ताकि आपकी जेब पर अनावश्यक बोझ न पड़े और आप सही तरीके से वित्तीय योजना बना सकें।