
Early Retirement Tips आज के युवाओं और प्रोफेशनल्स के बीच एक लोकप्रिय विषय बन चुका है। हर कोई चाहता है कि वह 60 साल की उम्र से पहले ही रिटायर हो जाए और अपनी जिंदगी आराम से जिए। लेकिन यह सपना तभी साकार हो सकता है जब फाइनेंशियल प्लानिंग सही तरीके से और समय रहते की जाए। अगर आप भी जल्दी रिटायरमेंट का मन बना चुके हैं, तो नीचे दी गई रणनीतियां आपके लिए बेहद काम की साबित हो सकती हैं।
पहले तय करें रिटायरमेंट की उम्र और खर्च
जल्दी रिटायरमेंट के लिए सबसे पहले यह तय करना जरूरी है कि आप किस उम्र में रिटायर होना चाहते हैं – जैसे 50 या 55 साल। इसके साथ ही यह भी सोचें कि रिटायरमेंट के बाद आप किस तरह की जिंदगी जीना चाहेंगे। क्या आप देश-विदेश की यात्रा करना चाहेंगे? क्या आपके कोई महंगे शौक हैं? क्या आपको मेडिकल खर्चों का खास ध्यान रखना होगा? अनुमान लगाएं कि रिटायरमेंट के बाद आपके मासिक खर्च ₹50,000 होंगे या ₹1,00,000। इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए बजट तैयार करें ताकि प्लानिंग आसान हो सके।
जल्दी बचत शुरू करना है जरूरी
Early Retirement का सपना तभी सच हो सकता है जब आप जल्दी बचत (Early Savings) करना शुरू करें। इसके लिए जरूरी है कि आप अपनी आय का कम से कम 20% से 30% हिस्सा हर महीने बचाएं। जितनी जल्दी आप सेविंग की आदत डालेंगे, उतनी ही जल्दी आप बड़ा फंड बना पाएंगे। कोशिश करें कि खर्चों को कंट्रोल में रखें और अनावश्यक चीजों पर पैसे न उड़ाएं।
केवल सेविंग नहीं, स्मार्ट निवेश भी करें
सिर्फ पैसे बचाना काफी नहीं है, उन्हें सही जगह निवेश (Smart Investment) करना भी जरूरी है। निवेश करते समय डायवर्सिफिकेशन अपनाएं ताकि जोखिम कम हो और रिटर्न ज्यादा मिले। उदाहरण के तौर पर:
आप म्यूचुअल फंड (Mutual Funds) में SIP के जरिए लंबे समय तक निवेश कर सकते हैं। स्टॉक्स (Stocks) में निवेश करने के लिए उन कंपनियों को चुनें जिनका फंडामेंटल मजबूत हो। पेंशन प्लान (Pension Plan) रिटायरमेंट के बाद रेगुलर इनकम के लिए फायदेमंद हो सकता है। साथ ही PPF और EPF जैसी योजनाएं भी टैक्स-फ्री और सुरक्षित रिटर्न देती हैं। प्रॉपर्टी यानी रियल एस्टेट (Real Estate) में भी निवेश कर आप भविष्य को सुरक्षित कर सकते हैं।
कर्ज से जल्द छुटकारा पाएं
रिटायरमेंट से पहले अगर आपके ऊपर किसी प्रकार का लोन है – चाहे वह होम लोन हो या पर्सनल लोन – उसे जल्द से जल्द चुकाने की कोशिश करें। खासकर ऐसे लोन जिनपर ब्याज दर (Interest Rate) ज्यादा है, उन्हें प्राथमिकता के आधार पर खत्म करें। EMI का बोझ कम करने के लिए पार्ट पेमेंट का विकल्प भी चुना जा सकता है। इससे आप बिना तनाव के रिटायरमेंट को एंजॉय कर पाएंगे।
हेल्थ इंश्योरेंस लेना न भूलें
रिटायरमेंट के बाद मेडिकल खर्चों में इजाफा होना आम बात है। ऐसे में एक मजबूत हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लेना बेहद जरूरी है। सुनिश्चित करें कि पॉलिसी गंभीर बीमारियों (Critical Illness) को कवर करती हो और नियमित हेल्थ चेकअप की सुविधा भी देती हो। इससे आप इमरजेंसी में अपनी सेविंग्स को हाथ लगाए बिना इलाज करवा सकेंगे।
पैसिव इनकम के रास्ते बनाएं
रिटायरमेंट के बाद अगर आपके पास पैसिव इनकम (Passive Income) के स्रोत होंगे, तो आपकी आर्थिक स्वतंत्रता बनी रहेगी। इसके लिए आप रेंटल इनकम, डिविडेंड, ब्लॉग या यूट्यूब चैनल से होने वाली कमाई, रॉयल्टी आदि विकल्प अपना सकते हैं। इससे न केवल मासिक खर्च पूरे होंगे, बल्कि आपकी जीवनशैली पर भी कोई असर नहीं पड़ेगा।
महंगाई को नजरअंदाज न करें
महंगाई (Inflation) का सीधा असर आपके खर्चों पर पड़ेगा। अगर आज आपके मासिक खर्च ₹50,000 हैं, तो 20 साल बाद यह ₹1,50,000 हो सकते हैं। इसलिए जरूरी है कि आप ऐसी जगह निवेश करें जहां रिटर्न महंगाई दर से अधिक हो। जैसे- रियल एस्टेट, म्यूचुअल फंड और गोल्ड (Gold) जैसी संपत्तियां आपको महंगाई से लड़ने में मदद कर सकती हैं।
कुछ जरूरी बातें जो आपको याद रखनी चाहिए
जितनी जल्दी हो सके बचत और निवेश की आदत डालें। अपने निवेश को सुरक्षित और लाभदायक जगहों पर लगाएं। कर्ज को रिटायरमेंट से पहले खत्म करने की योजना बनाएं। हेल्थ इंश्योरेंस और इमरजेंसी फंड जरूर रखें। खर्चों पर नियंत्रण रखें और फालतू खर्च से बचें। अगर आप इन बातों का ध्यान रखते हैं तो Early Retirement का सपना हकीकत बन सकता है।