
EPFO की पेंशन योजना यानी Employees’ Pension Scheme (EPS) का संचालन कर्मचारी भविष्य निधि संगठन-EPFO द्वारा किया जाता है। यह योजना रिटायरमेंट के बाद कर्मचारियों को पेंशन देने के उद्देश्य से शुरू की गई थी। EPS-1995 के तहत हर कर्मचारी की मासिक सैलरी का एक निश्चित हिस्सा पेंशन फंड में जाता है, जिससे रिटायरमेंट के बाद जीवन यापन में सहायता मिलती है। इस योजना का लाभ उठाने के लिए कुछ नियम और पात्रता शर्तें तय की गई हैं, जिन्हें जानना जरूरी है।
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EPFO की पेंशन योजना संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए एक सुरक्षा कवच की तरह है, जो रिटायरमेंट के बाद एक सुनिश्चित आमदनी सुनिश्चित करती है। यदि कर्मचारी ने योजना की शर्तों का पालन किया है और आवश्यक दस्तावेज तैयार रखे हैं, तो पेंशन क्लेम की प्रक्रिया काफी सरल है। हालिया फैसलों के बाद उच्च पेंशन का विकल्प चुनने वालों के लिए यह और भी फायदेमंद हो गया है।
EPFO पेंशन योजना का उद्देश्य और योगदान प्रणाली
EPS योजना का उद्देश्य संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को एक सुनिश्चित पेंशन प्रदान करना है। इस योजना के तहत कर्मचारी की बेसिक सैलरी और डीए का 12% हिस्सा EPF में जमा होता है। इसमें से 8.33% राशि EPS यानी पेंशन योजना में जाती है, जबकि बाकी राशि EPF फंड में जमा होती है।
हालांकि कर्मचारी की ओर से पूरी राशि EPF में जाती है, लेकिन नियोक्ता की ओर से जमा की जाने वाली राशि में से 8.33% EPS में और 3.67% EPF में जाता है। EPS में योगदान की गणना अधिकतम ₹15,000 मासिक वेतन पर होती है। यानी EPS में अधिकतम ₹1,250 प्रति माह का योगदान होता है।
पेंशन पाने की पात्रता क्या है?
EPFO की पेंशन योजना का लाभ उठाने के लिए कुछ विशेष पात्रता शर्तें होती हैं:
- कर्मचारी की आयु कम से कम 58 वर्ष होनी चाहिए।
- न्यूनतम 10 साल की सर्विस पूरी होनी चाहिए।
- यदि कर्मचारी ने 50 साल की आयु पूरी कर ली है और उसने 10 साल तक EPS में योगदान किया है, तो वह Early Pension के लिए क्लेम कर सकता है, लेकिन उसे कम राशि में पेंशन मिलेगी।
- 58 वर्ष की आयु पूरी करने पर नियमित पेंशन दी जाती है।
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कितनी पेंशन मिलती है?
- EPS के तहत मिलने वाली मासिक पेंशन की गणना एक तय फॉर्मूला के अनुसार होती है:
- (मासिक वेतन x सर्विस की अवधि) ÷ 70
- उदाहरण के लिए, यदि किसी कर्मचारी का मासिक वेतन ₹15,000 है और उसने 20 साल सेवा की है, तो पेंशन इस प्रकार होगी:
- (15000 x 20) ÷ 70 = ₹4,285.71 प्रति माह।
- इस योजना में पेंशन की राशि अधिक नहीं होती, लेकिन यह एक सुनिश्चित मासिक आमदनी होती है।
EPS क्लेम कैसे करें?
EPFO पेंशन योजना के तहत पेंशन क्लेम करने के लिए आपको EPFO पोर्टल पर जाकर फॉर्म 10D भरना होता है। इसके लिए आधार कार्ड, बैंक खाता डिटेल्स, सेवा प्रमाण पत्र और UAN नंबर जरूरी होता है।
यदि कर्मचारी ऑफलाइन क्लेम करना चाहता है, तो उसे अपने नियोक्ता से साइन करवाकर फॉर्म 10D EPFO ऑफिस में जमा कराना होगा।
ऑनलाइन प्रक्रिया में यूजर को EPFO की वेबसाइट पर जाकर Unified Member Portal में लॉगिन करना होता है, जहां UAN नंबर और पासवर्ड के साथ प्रोसेस पूरा किया जा सकता है।
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उच्च पेंशन योजना और सुप्रीम कोर्ट का फैसला
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने EPFO की हाई पेंशन योजना को लेकर बड़ा फैसला सुनाया। कोर्ट ने उन कर्मचारियों को उच्च पेंशन का विकल्प दिया है जिन्होंने EPS में वास्तविक वेतन के आधार पर योगदान दिया है, न कि ₹15,000 की सीमा के अनुसार। इसके लिए EPFO ने एक ऑनलाइन सुविधा भी शुरू की है, जिसके तहत कर्मचारी संयुक्त विकल्प फॉर्म भर सकते हैं।
कौन-कौन से लाभ EPFO पेंशन योजना में शामिल हैं?
- रिटायरमेंट पेंशन: 58 साल की आयु पूरी करने के बाद नियमित पेंशन।
- अर्ली पेंशन: 50 साल की आयु पूरी होने पर आंशिक पेंशन।
- विधवा पेंशन: कर्मचारी की मृत्यु के बाद उसके जीवनसाथी को पेंशन।
- अनाथ पेंशन: कर्मचारी की मृत्यु के बाद बच्चों को पेंशन।
- अपंगता पेंशन: किसी दुर्घटना में पूरी तरह विकलांग हो जाने पर भी पेंशन का प्रावधान।
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EPS से जुड़ी प्रमुख सावधानियां
- सर्विस ब्रेक न हो, वरना 10 साल की न्यूनतम अवधि पूरी नहीं मानी जाएगी।
- एक से अधिक बार नौकरी बदलने पर UAN को ट्रांसफर करें ताकि सेवाकाल जुड़ता रहे।
- EPS योगदान की सही जानकारी रखें और EPFO पोर्टल पर समय-समय पर चेक करते रहें।