
अगर आप प्राइवेट सेक्टर में नौकरी कर रहे हैं और आपका हर महीने योगदान कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) में होता है, तो EPFO Scheme Certificate के बारे में जानना आपके लिए बेहद जरूरी है। यह एक अहम दस्तावेज है जो भविष्य में पेंशन का लाभ उठाने में आपकी मदद करता है। इस आर्टिकल में हम बताएंगे कि स्कीम सर्टिफिकेट क्या है, इसमें क्या जानकारी होती है, यह कब काम आता है और इसे कैसे प्राप्त किया जा सकता है।
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EPFO Scheme Certificate हर उस कर्मचारी के लिए बेहद अहम है जो EPFO के अंतर्गत पेंशन योजना में शामिल है। यह दस्तावेज न केवल आपके योगदान का रिकॉर्ड है बल्कि भविष्य की पेंशन योजनाओं का आधार भी है। इसलिए अगर आप EPFO के सदस्य हैं और आपने 10 साल या उससे अधिक का योगदान दिया है, तो समय रहते स्कीम सर्टिफिकेट जरूर प्राप्त करें।
स्कीम सर्टिफिकेट क्या है?
EPFO Scheme Certificate एक आधिकारिक दस्तावेज होता है जो यह प्रमाणित करता है कि संबंधित कर्मचारी कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) का हिस्सा रहा है। यह सर्टिफिकेट EPFO द्वारा जारी किया जाता है और यह कर्मचारी के भविष्य के पेंशन क्लेम को आसान बनाता है। खास तौर पर नौकरी छोड़ने या बदलने की स्थिति में, यह सर्टिफिकेट भविष्य में फिर से पेंशन योजना से जुड़ने और लाभ उठाने का आधार बनता है।
स्कीम सर्टिफिकेट में क्या जानकारी होती है?
इस सर्टिफिकेट में कर्मचारी और उसके परिवार से जुड़ी जरूरी जानकारियाँ होती हैं। उदाहरण के लिए, कर्मचारी कितने साल तक EPS योजना में शामिल रहा, उसके पेंशन खाते में कितनी रकम जमा हुई और किन परिवारजनों को नॉमिनी के रूप में नामित किया गया है।
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यह दस्तावेज न केवल कर्मचारी की सेवा अवधि को रिकॉर्ड करता है, बल्कि यह यह भी दर्शाता है कि वह EPFO की पेंशन योजना में किस अवधि के दौरान सक्रिय रहा।
स्कीम सर्टिफिकेट कब काम आता है?
लंबे समय तक काम न करने की स्थिति में
अगर कोई कर्मचारी कम से कम 10 साल तक EPFO के अंतर्गत योगदान देता है और इसके बाद वह आगे नौकरी नहीं करना चाहता, तो वह स्कीम सर्टिफिकेट के आधार पर 58 या 60 वर्ष की उम्र के बाद पेंशन का लाभ उठा सकता है। इस सर्टिफिकेट के बिना पेंशन क्लेम करना संभव नहीं होगा।
नौकरी बदलने की स्थिति में
अगर आप एक EPFO-लिंक्ड कंपनी में काम करते हैं और फिर किसी ऐसी कंपनी में जाते हैं जो EPFO के तहत नहीं आती, तो उस स्थिति में स्कीम सर्टिफिकेट लेना अनिवार्य हो जाता है। भविष्य में जब आप दोबारा किसी EPFO वाली कंपनी में काम शुरू करेंगे, तब इस सर्टिफिकेट के माध्यम से आपका पेंशन खाता फिर से चालू किया जा सकता है।
कर्मचारी की मृत्यु के बाद
यदि कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है, तो उसके नॉमिनी या उत्तराधिकारियों को इस स्कीम सर्टिफिकेट के जरिए पेंशन के लिए दावा करने का अधिकार होता है। यह दस्तावेज उनके लिए कानूनी आधार बनता है जिससे पेंशन राशि प्राप्त की जा सकती है।
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स्कीम सर्टिफिकेट कैसे प्राप्त करें?
EPFO Scheme Certificate प्राप्त करने के लिए कर्मचारी को Form 10C भरना होता है। यह फॉर्म EPFO की आधिकारिक वेबसाइट से या नजदीकी क्षेत्रीय कार्यालय से प्राप्त किया जा सकता है।
फॉर्म 10C भरने के बाद, इसे EPFO के कार्यालय में जमा करना होता है। इसके साथ कुछ जरूरी दस्तावेजों की आवश्यकता होती है जैसे:
- कर्मचारी की व्यक्तिगत जानकारी
- परिवार के सदस्यों की जानकारी
- बैंक डिटेल्स (कैंसिल चेक के साथ)
यदि आवेदन नॉमिनी द्वारा किया जा रहा है, क्योंकि कर्मचारी की मृत्यु हो चुकी है, तो उन्हें निम्न अतिरिक्त दस्तावेज भी जमा करने होंगे:
- मृत्यु प्रमाण पत्र
- उत्तराधिकार प्रमाण पत्र
- स्टांप टिकट
क्यों जरूरी है EPFO Scheme Certificate?
आज के दौर में जब लोग बार-बार नौकरियाँ बदलते हैं, स्कीम सर्टिफिकेट उनकी पेंशन योजना को एकरूपता देने में मदद करता है। यह एक ऐसा दस्तावेज है जो ना केवल नौकरी छोड़ने की स्थिति में काम आता है बल्कि रिटायरमेंट के बाद भी पेंशन प्राप्त करने का कानूनी आधार बनता है।
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इसके अलावा, अगर कोई व्यक्ति किसी कारणवश आगे नौकरी नहीं कर पाता लेकिन उसने पहले EPS में योगदान दिया है, तो यह सर्टिफिकेट उसे उसकी जमा पेंशन राशि से जुड़ने और उसका लाभ लेने में मदद करता है।
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