
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ-EPFO) से जुड़े नियमों में हाल ही में बड़े बदलाव किए गए हैं, जो करोड़ों पीएफ खाताधारकों पर सीधा असर डालेंगे। इन बदलावों में सबसे अहम है पीएफ क्लेम (PF Claim) प्रक्रिया में सुधार, फेस वेरिफिकेशन (Face Verification) को लेकर नए नियम और चेक की तस्वीर अपलोड करने की अनिवार्यता खत्म होना। इन संशोधनों का उद्देश्य प्रोसेस को ज्यादा सरल, पारदर्शी और तेज बनाना है। आइए जानते हैं विस्तार से कि ईपीएफओ ने क्या-क्या बदलाव किए हैं और उनका आपके पीएफ खाते पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
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पीएफ क्लेम प्रोसेस हुआ आसान
ईपीएफओ ने पीएफ क्लेम प्रक्रिया को पहले से कहीं ज्यादा सरल बना दिया है। अब क्लेम प्रोसेसिंग में अनावश्यक देरी को रोकने के लिए ऑटोमेटेड सिस्टम लागू किया गया है, जिससे सदस्य कम समय में अपना पैसा निकाल सकेंगे। इसके तहत क्लेम वेरिफिकेशन प्रक्रिया में भी तकनीकी सुधार किए गए हैं, जिससे क्लेम फाइलिंग के बाद जल्द अप्रूवल और ट्रांसफर संभव हो सके।
पहले कर्मचारियों को क्लेम प्रोसेस के लिए कई स्तरों पर वेरिफिकेशन कराना पड़ता था, लेकिन अब इसे कम करते हुए डिजिटल माध्यम से फटाफट प्रोसेसिंग को प्राथमिकता दी गई है। यह बदलाव खासतौर पर उन सदस्यों के लिए फायदेमंद है जो इमरजेंसी में अपने पीएफ फंड का इस्तेमाल करना चाहते हैं।
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फेस वेरिफिकेशन के नए नियम लागू
फेस वेरिफिकेशन अब ईपीएफओ के लिए एक अनिवार्य प्रक्रिया बन गया है, खासकर पेंशनरों (Pensioners) के लिए। पहले जहां बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन ही पर्याप्त था, वहीं अब फेस वेरिफिकेशन को भी एक वैकल्पिक और अधिक सुरक्षित तरीका माना जा रहा है। यह प्रक्रिया उमंग ऐप (UMANG App) या अन्य मान्यता प्राप्त माध्यमों से पूरी की जा सकती है।
ईपीएफओ के अनुसार, फेस वेरिफिकेशन की प्रक्रिया से फर्जीवाड़े की संभावना कम होती है और रिटायर्ड कर्मचारियों को पेंशन क्लेम में कोई दिक्कत नहीं होती। साथ ही यह प्रक्रिया घर बैठे पूरी की जा सकती है, जिससे बुजुर्गों को ऑफिस के चक्कर नहीं लगाने पड़ते।
अब नहीं करनी होगी चेक की फोटो अपलोड
अब तक पीएफ क्लेम के लिए सदस्यों को बैंक पासबुक या चेक की स्कैन की हुई कॉपी अपलोड करनी होती थी, ताकि बैंक अकाउंट वेरिफाई किया जा सके। लेकिन नए नियमों के तहत अब यह प्रक्रिया अनिवार्य नहीं रही। यदि आपके बैंक डिटेल्स पहले से वेरिफाइड हैं और यूएएन (UAN) से लिंक्ड हैं, तो चेक की फोटो अपलोड करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
इस बदलाव से यूजर्स को काफी राहत मिलेगी, खासकर उन लोगों को जिन्हें चेक की स्कैन कॉपी नहीं मिल पाती थी या तकनीकी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। अब केवल डिजिटल बैंक वेरिफिकेशन के जरिए ही पीएफ क्लेम प्रोसेस पूरा हो सकेगा।
तकनीकी सुधार और पारदर्शिता की दिशा में बड़ा कदम
ईपीएफओ द्वारा किए गए ये तीनों बदलाव डिजिटल इंडिया (Digital India) अभियान को आगे बढ़ाने की दिशा में भी एक अहम कदम हैं। इससे न केवल प्रक्रिया तेज होगी, बल्कि पारदर्शिता और ट्रैकिंग में भी सुविधा मिलेगी। ईपीएफओ का उद्देश्य है कि सदस्य को एक भरोसेमंद और सहज अनुभव मिले, ताकि उन्हें अपने फंड को लेकर किसी भी तरह की असुविधा न हो।
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क्या बदल गया, एक नजर में
- PF क्लेम प्रक्रिया: अब पहले से अधिक ऑटोमेटेड और तेज।
- फेस वेरिफिकेशन: पेंशनरों के लिए अनिवार्य, घर बैठे संभव।
- चेक अपलोडिंग खत्म: वेरिफाइड बैंक डिटेल्स वालों को राहत।
भविष्य में और बदलाव संभव
ईपीएफओ लगातार अपनी सेवाओं को अपडेट कर रहा है और टेक्नोलॉजी के माध्यम से अधिक सदस्य अनुकूल बनाने की दिशा में काम कर रहा है। आने वाले समय में मोबाइल आधारित वेरिफिकेशन, क्लेम ट्रैकिंग और चैटबॉट जैसे फीचर्स को भी और अधिक बेहतर किया जा सकता है।
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