
हीटवेव आपदा घोषित कर दी गई है, और इसके तहत गर्मी से होने वाली मौतों पर सरकार ने ₹4 लाख का मुआवजा देने का ऐलान किया है। भारत में लगातार बढ़ते तापमान के कारण कई राज्य प्रभावित हो रहे हैं, जिनमें राजस्थान के 17 जिले सबसे अधिक प्रभावित माने जा रहे हैं। इन जिलों में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। मौसम विभाग (IMD) ने चेतावनी दी है कि अगले कुछ दिनों तक हीटवेव (Heatwave) का प्रकोप और अधिक गंभीर हो सकता है।
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केंद्र सरकार ने हीटवेव को घोषित किया प्राकृतिक आपदा
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के निर्देशों के तहत केंद्र सरकार ने हीटवेव को “प्राकृतिक आपदा” (Natural Disaster) की श्रेणी में शामिल किया है। इस निर्णय के बाद राज्य सरकारों को आपदा राहत कोष (SDRF) से हीटवेव से प्रभावित लोगों की सहायता करने का अधिकार मिल गया है। गर्मी से मौत की स्थिति में अब परिजनों को ₹4 लाख तक की आर्थिक सहायता दी जाएगी।
राजस्थान के 17 जिलों में हाई अलर्ट
राजस्थान में बढ़ते तापमान और लगातार गर्म हवाओं के कारण 17 जिलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। इन जिलों में जयपुर, जोधपुर, बीकानेर, बाड़मेर, श्रीगंगानगर, चूरू, झुंझुनूं, नागौर, हनुमानगढ़, अलवर, टोंक, अजमेर, सीकर, पाली, भीलवाड़ा, कोटा और बूंदी शामिल हैं।
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मौसम विभाग के अनुसार इन जिलों में दिन का तापमान 45 डिग्री सेल्सियस से अधिक तक पहुंच सकता है। लोगों को दिन के समय बाहर निकलने से बचने की सलाह दी गई है, विशेषकर 12 बजे से 4 बजे के बीच।
स्वास्थ्य मंत्रालय की चेतावनी और दिशा-निर्देश
स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को निर्देश जारी किए हैं कि हीटवेव के दौरान स्वास्थ्य सेवाएं सक्रिय रहें। अस्पतालों में ओपीडी और इमरजेंसी सेवाएं 24×7 उपलब्ध रहें, साथ ही दवाइयों, पानी और कूलिंग सिस्टम की पर्याप्त व्यवस्था हो।
इसके अलावा, सार्वजनिक स्थानों जैसे रेलवे स्टेशन, बस अड्डों, बाजारों और स्कूलों में पेयजल, छायादार स्थल और प्राथमिक उपचार की सुविधाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
किसानों और श्रमिकों पर प्रभाव
हीटवेव का प्रभाव सबसे अधिक किसानों, निर्माण श्रमिकों और उन लोगों पर पड़ता है जो खुले में काम करते हैं। सरकार ने ऐसे सभी कामगारों के लिए दोपहर के समय काम पर रोक लगाने की सिफारिश की है। साथ ही, मनरेगा (MGNREGA) जैसे श्रम आधारित योजनाओं के तहत काम के घंटे सुबह और शाम के समय तय किए गए हैं ताकि श्रमिकों को गर्मी से सुरक्षा मिल सके।
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हीटवेव से बचाव के उपाय
सरकार और विशेषज्ञों ने हीटवेव से बचाव के लिए कई उपाय बताए हैं:
- दिन के समय धूप में बाहर निकलने से बचें
- हल्के और ढीले कपड़े पहनें
- पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं
- ठंडी और ताजा चीजें खाएं
- शारीरिक श्रम से बचें
- बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें
रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy) का महत्व बढ़ा
हीटवेव जैसी घटनाएं यह दर्शाती हैं कि जलवायु परिवर्तन (Climate Change) का प्रभाव गंभीर होता जा रहा है। ऐसे में रिन्यूएबल एनर्जी स्रोतों जैसे सोलर पावर और विंड एनर्जी की आवश्यकता और महत्व तेजी से बढ़ रहा है। सरकार भी इन क्षेत्रों में निवेश बढ़ाने की योजना बना रही है ताकि तापमान को नियंत्रित किया जा सके और कार्बन उत्सर्जन में कमी लाई जा सके।
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हीटवेव के कारण अब तक कितनी मौतें
हाल ही में देश के विभिन्न हिस्सों में हीटवेव के चलते कई मौतें दर्ज की गई हैं। हालांकि, आधिकारिक आंकड़े अभी संकलित किए जा रहे हैं, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यदि पर्याप्त सावधानी नहीं बरती गई तो यह संख्या तेजी से बढ़ सकती है।
भविष्य के लिए सरकार की तैयारी
सरकार ने राज्यों से कहा है कि वे हीट एक्शन प्लान (Heat Action Plan) को प्रभावी रूप से लागू करें। यह प्लान स्थानीय मौसम डेटा, स्वास्थ्य सेवाओं की तैयारी, जल स्रोतों की उपलब्धता और जन-जागरूकता कार्यक्रमों पर आधारित होता है।
इसके अलावा, स्कूलों की छुट्टियों को लेकर भी समीक्षा की जा रही है ताकि बच्चों को गर्मी से बचाया जा सके।
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