
पब्लिक प्रोविडेंट फंड यानी PPF स्कीम एक लोकप्रिय और सुरक्षित सरकारी निवेश योजना है, जिसे खासतौर पर लॉन्ग टर्म सेविंग्स और टैक्स बचत के मकसद से डिज़ाइन किया गया है। यह स्कीम आम जनता के बीच बेहद भरोसेमंद मानी जाती है, क्योंकि इसमें रिटर्न सरकारी गारंटी के साथ मिलता है। वर्तमान में PPF स्कीम पर 7.1% की ब्याज दर मिल रही है और इसका मैच्योरिटी पीरियड 15 साल का होता है।
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PPF अकाउंट को मैच्योरिटी के बाद भी एक्सटेंड करने की सुविधा मिलती है, जिससे निवेशक लंबे समय तक टैक्स फ्री रिटर्न का लाभ उठा सकते हैं। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि PPF स्कीम को कितनी बार और किन शर्तों के साथ एक्सटेंड किया जा सकता है, साथ ही जानिए इसका आवेदन कैसे और कब किया जाना चाहिए।
PPF स्कीम में निवेश करने वालों के लिए इसका एक्सटेंशन एक शानदार मौका होता है, जिससे वे सुरक्षित और टैक्स फ्री रिटर्न के साथ एक मजबूत फाइनेंशियल फ्यूचर बना सकते हैं। अगर आप अपने रिटायरमेंट प्लानिंग या लॉन्ग टर्म सेविंग्स पर फोकस कर रहे हैं, तो PPF स्कीम एक्सटेंशन आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प है।
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PPF स्कीम में निवेश पर ब्याज और मैच्योरिटी की शर्तें
PPF स्कीम में सालाना न्यूनतम ₹500 और अधिकतम ₹1.5 लाख तक निवेश किया जा सकता है। इस पर मिलने वाला ब्याज सरकार द्वारा तिमाही आधार पर निर्धारित किया जाता है। अप्रैल 2025 तक इसकी ब्याज दर 7.1% है। यह ब्याज सालाना कंपाउंड होता है, जिससे लॉन्ग टर्म में बड़ा फंड तैयार होता है। सबसे बड़ी बात यह है कि PPF से मिलने वाला रिटर्न और मेच्योरिटी अमाउंट पूरी तरह टैक्स फ्री होता है।
PPF स्कीम को कितनी बार एक्सटेंड किया जा सकता है
PPF स्कीम की मैच्योरिटी 15 साल बाद होती है, लेकिन इसके बाद भी निवेशक चाहें तो इसे 5-5 साल के ब्लॉक्स में आगे बढ़ा सकते हैं। इसके लिए कोई सीमा नहीं तय की गई है, यानी आप जितनी बार चाहें इसे एक्सटेंड करा सकते हैं। हर बार एक्सटेंशन की अवधि 5 वर्ष की होती है। अगर आपने एक बार एक्सटेंड करा लिया, तो इसके बाद फिर से 5 साल बाद अगला एक्सटेंशन कराया जा सकता है।
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PPF स्कीम एक्सटेंशन के दो विकल्प
मैच्योरिटी के बाद PPF स्कीम को एक्सटेंड करने के दो तरीके होते हैं:
पहला विकल्प: निवेश के साथ एक्सटेंशन – इस विकल्प में आप आगे के वर्षों में भी सालाना निवेश जारी रख सकते हैं। इससे ब्याज और मैच्योरिटी अमाउंट और अधिक बढ़ता है।
दूसरा विकल्प: बिना निवेश के एक्सटेंशन – इसमें आप आगे निवेश तो नहीं करते लेकिन आपका मौजूदा बैलेंस ब्याज के साथ बढ़ता रहता है।
एक्सटेंशन के लिए आवेदन कैसे करें
अगर आप PPF स्कीम को एक्सटेंड करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको मैच्योरिटी की तारीख से पहले एक साल के अंदर आवेदन करना होता है। इसके लिए फॉर्म H भरकर संबंधित बैंक या पोस्ट ऑफिस में जमा करना होता है, जहां आपका PPF अकाउंट है। अगर आप तय समय में यह आवेदन नहीं करते, तो अकाउंट अपने आप डिफॉल्ट मोड में चला जाता है और आपको सिर्फ ब्याज का लाभ मिलता है, निवेश की सुविधा नहीं रहती।
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क्यों फायदेमंद है PPF स्कीम को एक्सटेंड कराना?
PPF स्कीम को एक्सटेंड कराना खासतौर पर उन निवेशकों के लिए फायदेमंद होता है जो लॉन्ग टर्म वेल्थ क्रिएशन और टैक्स बचत चाहते हैं। हर बार 5 साल का एक्सटेंशन निवेशकों को कंपाउंडिंग का फायदा देता है और उनका रिटर्न तेजी से बढ़ता है। इसके अलावा यह स्कीम पूरी तरह से सरकारी गारंटी वाली होती है, इसलिए इसमें जोखिम का स्तर नगण्य होता है।
टैक्स बेनिफिट भी रहता है बरकरार
PPF में किए गए निवेश पर धारा 80C के तहत टैक्स छूट मिलती है। इतना ही नहीं, इस पर मिलने वाला ब्याज और मैच्योरिटी अमाउंट भी पूरी तरह टैक्स फ्री होता है। एक्सटेंशन के बाद भी यह टैक्स बेनिफिट निवेशकों को मिलता रहता है, बशर्ते आपने निवेश के साथ एक्सटेंशन का विकल्प चुना हो।
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ध्यान देने योग्य बातें
- एक्सटेंशन की प्रक्रिया में देरी करने पर अकाउंट निष्क्रिय हो सकता है।
- एक्सटेंशन फॉर्म (Form H) हर बार भरना आवश्यक होता है।
- बिना निवेश वाले एक्सटेंशन में भी ब्याज मिलता है, लेकिन जमा नहीं कर सकते।