
राशन कार्ड आधार लिंकिंग (Ration Card Aadhaar Linking) की प्रक्रिया अब पहले की तुलना में कहीं अधिक सरल और पारदर्शी हो चुकी है। सरकार का उद्देश्य इस लिंकिंग के ज़रिए डुप्लिकेट और फर्जी राशन कार्ड की पहचान करना है, जिससे सही लाभार्थियों को सब्सिडी का लाभ सुनिश्चित किया जा सके। खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग (Department of Food and Public Distribution) ने डिजिटल इंडिया अभियान के तहत इस प्रक्रिया को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से उपलब्ध कराया है।
यह भी देखें: गर्मी में फोन चार्जिंग के बाद होता है ओवरहीट? अपनाएं ये 5 आसान टिप्स और बचाएं डिवाइस को नुकसान से
सरकार द्वारा चलाई जा रही राशन कार्ड आधार लिंकिंग योजना पारदर्शिता और ईमानदारी सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा, बल्कि वास्तविक जरूरतमंदों तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचेगा। इस प्रक्रिया को जितना जल्दी पूरा किया जाए, उतना बेहतर है ताकि भविष्य में किसी भी लाभ से वंचित न रहना पड़े।
ऑनलाइन प्रक्रिया: आसान और त्वरित
ऑनलाइन राशन कार्ड आधार लिंकिंग की प्रक्रिया बेहद सहज है। इसके लिए सबसे पहले लाभार्थी को अपने राज्य के सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) पोर्टल की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा। हर राज्य का अपना PDS पोर्टल होता है, जैसे दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश आदि का अलग-अलग पोर्टल होता है।
वेबसाइट पर लॉग इन करने के बाद वहां “राशन कार्ड आधार लिंक (Ration Card Aadhaar Link)” या “UID सीडिंग (UID Seeding)” का विकल्प चुनें। इसके बाद आपको निम्न जानकारी भरनी होती है:
- राशन कार्ड नंबर
- आधार कार्ड नंबर
- पंजीकृत मोबाइल नंबर
एक बार यह जानकारी भरने के बाद आपके मोबाइल नंबर पर OTP (One-Time Password) भेजा जाएगा। OTP दर्ज करने के बाद सबमिट करते ही आपकी जानकारी प्रणाली में दर्ज हो जाती है। यदि सभी जानकारी सही पाई जाती है, तो कुछ ही दिनों में लिंकिंग की प्रक्रिया पूरी हो जाती है और SMS के ज़रिए इसकी पुष्टि भी की जाती है।
यह भी देखें: EPF vs PPF vs NPS: जानिए इन तीनों निवेश विकल्पों में क्या है फर्क और कौन-सा है आपके लिए बेस्ट
ऑफलाइन प्रक्रिया: ग्रामीण क्षेत्रों के लिए लाभकारी
जिन उपयोगकर्ताओं को इंटरनेट की सुविधा नहीं है या ऑनलाइन प्रक्रिया में असुविधा होती है, उनके लिए सरकार ने ऑफलाइन विकल्प भी प्रदान किया है। इसके लिए लाभार्थी को अपने नजदीकी राशन कार्यालय या फेयर प्राइस शॉप (FPS) पर जाना होता है।
वहां साथ ले जाएं:
- राशन कार्ड की कॉपी
- परिवार के सभी सदस्यों के आधार कार्ड की फोटोकॉपी
- पासपोर्ट साइज फोटो
राशन डीलर या अधिकारी द्वारा फिंगरप्रिंट स्कैन करके बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन किया जाता है। दस्तावेजों की जांच और पुष्टि के बाद आधार कार्ड को राशन कार्ड से लिंक कर दिया जाता है।
यह भी देखें: Aadhaar Card में एड्रेस फ्री में अपडेट कराना है? जानिए घर बैठे प्रोसेस और किन डॉक्यूमेंट्स की होगी जरूरत
SMS के जरिए भी हो रही सुविधा
कुछ राज्य सरकारों ने इस प्रक्रिया को और भी सरल बनाते हुए SMS आधारित आधार सीडिंग की सुविधा भी शुरू की है। उदाहरण के लिए, यदि आप किसी राज्य में रहते हैं जहाँ यह सुविधा उपलब्ध है, तो आपको अपने मोबाइल से “UID SEED <राशन कार्ड नंबर> <आधार नंबर>” टाइप कर 51969 पर भेजना होता है। सत्यापन के बाद पुष्टिकरण संदेश प्राप्त होता है।
राशन कार्ड आधार लिंकिंग के लाभ
राशन कार्ड और आधार को आपस में जोड़ने से अनेक फायदे होते हैं। सबसे बड़ा लाभ यह है कि इससे डुप्लिकेट और फर्जी राशन कार्डों की पहचान हो जाती है। इसके अलावा:
- सब्सिडी सीधे सही लाभार्थी तक पहुंचती है
- राशन वितरण प्रणाली में पारदर्शिता आती है
- मोबाइल पर सीधा सूचना प्राप्त होती है
- प्रवासी मजदूर किसी भी राज्य से राशन प्राप्त कर सकते हैं
यह भी देखें: PM Awas Gramin Yojana 2025: अपना नाम लिस्ट में ऐसे करें चेक – स्टेप बाय स्टेप प्रोसेस यहां देखें
राशन कार्ड क्यों है जरूरी?
राशन कार्ड एक सरकारी दस्तावेज है, जो मुख्य रूप से निम्न आय वर्ग के परिवारों को रियायती दरों पर अनाज (जैसे कि चावल, गेहूं, दाल) प्राप्त करने में मदद करता है। यह राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के अंतर्गत आता है। आज भी करोड़ों लोग इस योजना के अंतर्गत लाभ प्राप्त कर रहे हैं।