क्या ट्रैक्टर चलाने के लिए नहीं लगता लाइसेंस? जानिए मोटर व्हीकल एक्ट में क्या हैं प्रावधान

क्या ट्रैक्टर चलाने के लिए नहीं लगता लाइसेंस? जानिए मोटर व्हीकल एक्ट में क्या हैं प्रावधान
क्या ट्रैक्टर चलाने के लिए नहीं लगता लाइसेंस? जानिए मोटर व्हीकल एक्ट में क्या हैं प्रावधान

भारत में ट्रैक्टर का उपयोग मुख्य रूप से कृषि कार्यों के लिए किया जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ट्रैक्टर चलाने के लिए भी वैध ड्राइविंग लाइसेंस (Driving License) होना अनिवार्य है? सुप्रीम कोर्ट के आदेश और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) के दिशानिर्देशों के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति ट्रैक्टर जैसी वाहन को सड़क पर चलाता है, तो उसे कानून के तहत तय किए गए सभी नियमों का पालन करना होगा। इन नियमों का उल्लंघन करने पर भारी जुर्माना और कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।

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यदि आप ट्रैक्टर के मालिक हैं या ट्रैक्टर चलाने की सोच रहे हैं, तो आपको भारत सरकार और RTO द्वारा बनाए गए सभी नियमों की जानकारी होना जरूरी है। इससे न केवल आप कानूनी मुश्किलों से बच सकते हैं, बल्कि सड़क पर चलने वाले अन्य लोगों की सुरक्षा भी सुनिश्चित कर सकते हैं।

ट्रैक्टर को लाइट मोटर व्हीकल (LMV) श्रेणी में किया गया शामिल

कृषि में उपयोग होने वाले ट्रैक्टर को भारत सरकार ने लाइट मोटर व्हीकल (Light Motor Vehicle – LMV) श्रेणी में शामिल किया है। यानी जो व्यक्ति LMV लाइसेंस रखते हैं, वे ट्रैक्टर चला सकते हैं। लेकिन यह ध्यान देना जरूरी है कि यह लाइसेंस केवल उन वाहनों के लिए मान्य होता है जिनका वजन अधिकतम 7500 किलोग्राम तक होता है।

इस श्रेणी के अंतर्गत आने वाले ट्रैक्टर को भारत की सड़कों पर चलाने के लिए किसी अलग श्रेणी के लाइसेंस की आवश्यकता नहीं होती, परंतु व्यक्ति की उम्र कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिए।

ड्राइविंग लाइसेंस के बिना ट्रैक्टर चलाना गैरकानूनी

ड्राइविंग लाइसेंस (Driving License) ट्रैक्टर चालक के पास होना अनिवार्य है। यदि कोई व्यक्ति बिना लाइसेंस के ट्रैक्टर चलाते हुए पकड़ा जाता है, तो उसके खिलाफ मोटर वाहन अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाती है। इसमें जुर्माना या जेल दोनों की सजा हो सकती है।

अक्सर ग्रामीण इलाकों में लोग यह सोचकर ट्रैक्टर चला लेते हैं कि यह केवल खेतों में इस्तेमाल हो रहा है, लेकिन जैसे ही ट्रैक्टर सड़क पर आता है, उस पर सामान्य मोटर वाहन नियम लागू हो जाते हैं।

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ट्रैक्टर का बीमा होना भी अनिवार्य

बीमा (Insurance) किसी भी वाहन के लिए जरूरी होता है और ट्रैक्टर भी इससे अलग नहीं है। ट्रैक्टर का थर्ड पार्टी या फुल कवरेज बीमा होना चाहिए ताकि किसी दुर्घटना की स्थिति में मुआवजे की भरपाई हो सके।

बीमा न होने की स्थिति में दुर्घटना होने पर चालक या मालिक को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है, साथ ही कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है।

ट्रैक्टर और ट्रॉली का पंजीकरण आवश्यक

पंजीकरण (Registration) ट्रैक्टर का RTO में रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है। इसके अलावा, यदि ट्रैक्टर के साथ ट्रॉली (Trolley) का उपयोग किया जा रहा है, तो ट्रॉली का भी पंजीकरण आवश्यक है।

यदि कोई व्यक्ति बिना पंजीकरण के ट्रॉली का उपयोग करता है तो RTO द्वारा उस ट्रॉली को जब्त किया जा सकता है या भारी जुर्माना लगाया जा सकता है।

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ट्रैक्टर में बदलाव करने पर भी लग सकता है जुर्माना

यदि ट्रैक्टर में उसकी मूल संरचना में कोई परिवर्तन किया जाता है, जैसे इंजन बदलना, क्षमता बढ़ाना, अतिरिक्त टायर लगाना या ट्रॉली को स्थायी रूप से जोड़ना, तो ऐसे मामलों में वाहन मालिक पर ₹1,00,000 तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। यह प्रावधान मोटर व्हीकल एक्ट 2019 में शामिल किया गया है, ताकि सड़कों पर वाहन की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

खेतों और सड़कों के नियमों में अंतर

खेतों में ट्रैक्टर चलाने के लिए किसी प्रकार के लाइसेंस की आवश्यकता नहीं होती, लेकिन जैसे ही ट्रैक्टर सार्वजनिक सड़क पर आता है, उस पर मोटर वाहन अधिनियम लागू हो जाता है। इसी कारण सरकार ने ट्रैक्टर चालकों के लिए जरूरी किया है कि वे लाइसेंस, बीमा और रजिस्ट्रेशन जैसे सभी नियमों का पालन करें।

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