दिल्ली में अब लाउडस्पीकर नहीं बजेगा बिना इजाजत! शादी, जलसा, मंदिर–मस्जिद सभी पर नया कानून लागू

दिल्ली में अब लाउडस्पीकर नहीं बजेगा बिना इजाजत! शादी, जलसा, मंदिर–मस्जिद सभी पर नया कानून लागू
दिल्ली में अब लाउडस्पीकर नहीं बजेगा बिना इजाजत! शादी, जलसा, मंदिर–मस्जिद सभी पर नया कानून लागू

दिल्ली में अब Loudspeaker और पब्लिक एड्रेस सिस्टम की आवाज़ पर कानून का शिकंजा कस गया है। उत्तर प्रदेश की तर्ज पर दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस ने राजधानी में Noise Pollution के बढ़ते खतरे को देखते हुए सख्त ध्वनि नियंत्रण नीति (Noise Control Policy) लागू कर दी है। चाहे धार्मिक स्थल हो या निजी समारोह, अब बिना लिखित अनुमति के किसी भी तरह का Loudspeaker या साउंड सिस्टम नहीं बजाया जा सकेगा। नियमों का उल्लंघन करने पर भारी जुर्माना और उपकरणों की जब्ती की कार्यवाही की जाएगी।

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दिल्ली पुलिस की तरफ से स्पष्ट आदेश जारी किए गए हैं कि सभी सार्वजनिक स्थल और धार्मिक स्थल जैसे मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा और चर्च अब तय मानकों से अधिक ध्वनि उत्पन्न नहीं कर सकते। Loudspeaker का इस्तेमाल केवल जिला DCP की अनुमति के बाद ही किया जा सकेगा। इसके तहत Tent House और Sound Equipment आपूर्तिकर्ताओं को भी निर्देशित किया गया है कि वे बिना थाने से लिखित अनुमति देखे कोई भी उपकरण न दें।

हर क्षेत्र के लिए तय है ध्वनि की सीमा

Noise Pollution को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली को विभिन्न क्षेत्रों में बाँटा गया है, और हर क्षेत्र के लिए ध्वनि की अधिकतम सीमा तय की गई है। ध्वनि स्तर की गणना डेसिबल (Decibel-DB) में की जाती है, और यह सीमा दिन और रात के समय के अनुसार अलग-अलग निर्धारित है।

रेजिडेंशियल एरिया (Residential Area):
दिन में अधिकतम 55 डेसिबल (dB)
रात में अधिकतम 45 डेसिबल (dB)

साइलेंस जोन (Silence Zone):
दिन में अधिकतम 50 डेसिबल (dB)
रात में अधिकतम 40 डेसिबल (dB)

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इंडस्ट्रियल एरिया (Industrial Area):
दिन में अधिकतम 75 डेसिबल (dB)
रात में अधिकतम 70 डेसिबल (dB)

इन सीमाओं का उल्लंघन करने पर अब सीधे कानूनी कार्रवाई होगी।

बिना अनुमति बजा Loudspeaker तो जुर्माना तय

दिल्ली पुलिस के अनुसार यदि कोई बिना अनुमति Loudspeaker या पब्लिक एड्रेस सिस्टम का प्रयोग करता है, तो उस पर ₹10,000 का जुर्माना लगाया जाएगा और साथ ही उपकरण जब्त कर लिए जाएंगे। खासतौर पर शादी-ब्याह, धार्मिक आयोजन, जुलूस या अन्य किसी सार्वजनिक समारोह में बिना अनुमति ध्वनि प्रदूषण फैलाना अब भारी पड़ सकता है।

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Tent House, DJ Sound System या अन्य साउंड सर्विस प्रोवाइडर को निर्देश दिया गया है कि वे ग्राहक से अनुमति पत्र मांगे बिना कोई उपकरण सप्लाई न करें।

डीजल जेनरेटर और निर्माण कार्यों पर भी शिकंजा

Noise Control Policy के तहत सिर्फ Loudspeaker ही नहीं, बल्कि डीजल जेनरेटर (Diesel Generator) और निर्माण कार्यों (Construction Equipment) से होने वाले शोर पर भी सख्त कार्रवाई का प्रावधान है।

डीजल जेनरेटर के लिए जुर्माना:
क्षमता के अनुसार ₹10,000 से ₹1,00,000 तक

निर्माण उपकरणों से शोर:
₹50,000 का जुर्माना और उपकरण सील कर दिए जाएंगे

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धार्मिक आयोजनों और पटाखों की आवाज़ भी तय सीमा में

धार्मिक आयोजनों और त्योहारों में उपयोग किए जाने वाले पटाखों की आवाज़ भी अब तय सीमा से अधिक नहीं होनी चाहिए। यदि ऐसा पाया गया तो ₹10,000 से ₹20,000 तक का जुर्माना वसूला जाएगा। खासकर रात के समय इन नियमों का उल्लंघन अब सीधा अपराध माना जाएगा।

नियमों की निगरानी के लिए DCP होंगे जिम्मेदार

ध्वनि नियंत्रण नीति के सही तरीके से पालन की जिम्मेदारी अब संबंधित ज़िले के DCP (Deputy Commissioner of Police) को सौंपी गई है। किसी भी तरह की शिकायत पर तुरंत कार्रवाई करने का आदेश दिया गया है। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि Noise Pollution को लेकर कानून सिर्फ कागजों तक सीमित न रह जाए।

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पर्सनल साउंड सिस्टम पर भी निगरानी

यदि कोई व्यक्ति अपने निजी साउंड सिस्टम का इस्तेमाल कर रहा है, तब भी यह ध्यान रखना होगा कि उसकी ध्वनि तय सीमा से अधिक न हो। निजी उपकरणों से निकलने वाली आवाज़ तय सीमा से 5 डेसिबल से अधिक नहीं होनी चाहिए।

दिल्ली पुलिस द्वारा यह कदम Noise Pollution को नियंत्रित करने की दिशा में एक बड़ा और साहसिक फैसला माना जा रहा है। आने वाले समय में इसके प्रभाव साफ तौर पर राजधानी के शोरगुल वाले माहौल में दिखाई देंगे।

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