
राष्ट्रीय पेंशन योजना (National Pension Scheme-NPS) एक ऐसी सरकारी योजना है जिसे 1 जनवरी 2004 से केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए शुरू किया गया था। बाद में इसे निजी क्षेत्र के कर्मचारियों और आम नागरिकों के लिए भी खोल दिया गया। आज NPS एक लोकप्रिय रिटायरमेंट फंडिंग टूल बन चुका है, जिसमें निवेश करने पर Income Tax Benefits यानी आयकर छूट भी मिलती है। यह योजना न केवल बुढ़ापे के लिए आर्थिक सुरक्षा देती है, बल्कि टैक्स बचत का भी सशक्त जरिया है।
यह भी देखें: PM Awas Yojana 2025: किसे मिलेगा मुफ्त घर और कैसे चेक करें अपना नाम लिस्ट में – जानें पूरा तरीका
Income Tax Benefits of NPS न केवल टैक्स छूट तक सीमित हैं, बल्कि यह योजना लॉन्ग-टर्म फाइनेंशियल प्लानिंग के लिए भी उपयुक्त है। पुराने टैक्स सिस्टम में जहां निवेशकों को ज़्यादा छूट मिलती है, वहीं नए सिस्टम में नियोक्ता के योगदान पर फोकस किया गया है।
पुराने टैक्स सिस्टम में NPS से मिलने वाले टैक्स लाभ
Section 80CCD (1): कर्मचारी के योगदान पर टैक्स छूट
पुराने टैक्स सिस्टम (Old Tax Regime) के तहत NPS में कर्मचारी द्वारा किए गए योगदान पर आयकर छूट मिलती है। यह छूट सेक्शन 80C के तहत कुल ₹1.5 लाख की सीमा में आती है।
- सरकारी और निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए यह छूट उनकी बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते का 10% तक होती है।
- स्वयं-नियोजित व्यक्तियों (Self-employed individuals) के लिए यह सीमा ग्रॉस टोटल इनकम का 20% तक है।
चार्टर्ड अकाउंटेंट मोहित गुप्ता के अनुसार, “इस धारा के तहत टैक्स छूट की सीमा सेक्शन 80CCE के अंतर्गत ₹1.5 लाख की कुल सीमा में ही समाहित रहती है।”
यह भी देखें: Credit Card लेते ही लगते हैं ये 5 चार्ज! बैंक ऐसे काटता है जेब, जानिए कैसे बचें इन छुपे खर्चों से
Section 80CCD(1B): अतिरिक्त ₹50,000 की विशेष छूट
NPS में निवेश करने वालों को सेक्शन 80CCD(1) के अतिरिक्त सेक्शन 80CCD(1B) के तहत ₹50,000 तक की अतिरिक्त टैक्स छूट का लाभ मिलता है। यह छूट ₹1.5 लाख की मूल सीमा से ऊपर दी जाती है, जिससे कुल टैक्स छूट ₹2 लाख तक हो सकती है।
Section 80CCD(2): नियोक्ता के योगदान पर टैक्स छूट
यह धारा उन कर्मचारियों के लिए है, जिनके नियोक्ता (सरकारी या निजी) उनके लिए NPS में योगदान करते हैं।
- सरकारी नियोक्ता (केंद्र/राज्य) के मामले में: सैलरी का 14% तक योगदान टैक्स छूट के योग्य होता है।
- निजी नियोक्ताओं के मामले में: सैलरी का 10% तक का योगदान टैक्स छूट योग्य होता है।
हालांकि, वित्तीय अधिनियम 2024 के तहत निजी क्षेत्र के लिए भी यह सीमा बढ़ाकर 14% कर दी गई है, जो 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी।
यह भी देखें: आपका फोन कर रहा है आपकी जासूसी? इस सेटिंग को तुरंत करें बंद वरना खतरे में पड़ सकती है प्राइवेसी
नए टैक्स सिस्टम में NPS से मिलने वाले लाभ
नए टैक्स सिस्टम (New Tax Regime) में सेक्शन 80CCD(1) और 80CCD(1B) के तहत कोई टैक्स छूट नहीं दी जाती है। हालांकि, सेक्शन 80CCD(2) के तहत नियोक्ता के योगदान पर छूट दी जाती है।
- सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों में यह छूट 14% तक की है (1 अप्रैल 2025 से लागू)।
- इस टैक्स सिस्टम में सीमित छूट होने के बावजूद, NPS में योगदान करना अब भी फायदे का सौदा है क्योंकि यह रिटायरमेंट के लिए एक मजबूत फंड तैयार करता है।
NPS से निकासी पर टैक्स छूट
NPS खाते से निकासी पर मिलने वाली टैक्स छूट भी निवेशकों को राहत देती है:
पूर्ण निकासी (Full Withdrawal)
- जब कोई व्यक्ति रिटायरमेंट के समय NPS खाता बंद करता है, तो कुल जमा राशि का 60% तक टैक्स-फ्री होता है। शेष 40% का उपयोग अनिवार्य रूप से एन्युटी खरीदने में करना होता है, जो टैक्सेबल होती है।
आंशिक निकासी (Partial Withdrawal)
- NPS खाते से आंशिक निकासी की स्थिति में, कुल योगदान का 25% तक टैक्स-फ्री निकासी की जा सकती है। यह सुविधा जीवन के विशेष उद्देश्यों जैसे चिकित्सा, बच्चों की शिक्षा या शादी के लिए दी जाती है।
यह भी देखें: Add-on Credit Card लेने से पहले जरूर जान लें ये फायदे और नुकसान – वरना हो सकता है बड़ा पछतावा
मृत्यु के मामले में निकासी
- यदि NPS खाता धारक की मृत्यु हो जाती है, तो उसके नॉमिनी या कानूनी उत्तराधिकारी को मिलने वाली पूरी राशि टैक्स-फ्री होती है। यह छूट इनकम टैक्स एक्ट की सेक्शन 10(13) के अंतर्गत आती है।
3 thoughts on “NPS से मिलने वाले टैक्स बेनेफिट्स जानते हैं? सरकारी और प्राइवेट कर्मचारियों के लिए अलग हैं ये फायदे”