
आयकर विभाग ने 22 अप्रैल 2024 से एक नया नियम लागू किया है जिसके तहत यदि किसी निवेशक ने अपना पैन नंबर (Permanent Account Number – PAN) नहीं दिया है, तो उस पर सीधे 20% टीडीएस (TDS) काटा जाएगा। यह नियम खासकर IPO, म्यूचुअल फंड, रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy) इन्वेस्टमेंट्स जैसे सेक्टर्स में निवेश कर रहे लोगों को प्रभावित कर सकता है। नया निर्देश केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) द्वारा जारी किया गया है।
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यदि आपने अब तक अपने PAN को विभिन्न वित्तीय संस्थाओं के साथ लिंक नहीं किया है, तो अब समय आ गया है कि तुरंत यह काम कर लें। नया नियम 22 अप्रैल 2024 से लागू हो चुका है और इसका पालन न करने पर सीधे 20% TDS की कटौती होगी, जिससे आपकी नेट इनकम पर प्रभाव पड़ेगा। टैक्स की इस अनचाही कटौती से बचने के लिए तुरंत अपने दस्तावेज़ अपडेट करें और अपने पैसे को सुरक्षा प्रदान करें।
नया नियम क्या कहता है?
CBDT के अनुसार, यह नियम उन सभी ट्रांजेक्शनों पर लागू होगा जहां निवेशक द्वारा पैन नंबर नहीं दिया गया है। अब तक अगर PAN नहीं दिया जाता था तो टैक्स की दर अधिकतम 10% तक होती थी, लेकिन अब यह दर दोगुनी होकर सीधे 20% हो गई है।
यह नियम विशेष रूप से उन व्यक्तियों और संस्थाओं पर लागू होगा जो शेयर बाजार, म्यूचुअल फंड्स, डिविडेंड, बैंक डिपॉजिट्स आदि से कमाई कर रहे हैं और जिन्होंने अपना PAN संबंधित संस्था को प्रदान नहीं किया है।
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किन निवेशकों को होगा सबसे अधिक असर?
इस बदलाव का सबसे अधिक असर उन निवेशकों पर पड़ेगा जो विभिन्न प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से निवेश करते हैं लेकिन अपने KYC दस्तावेज़ अधूरे छोड़ देते हैं।
- IPO निवेशकों के लिए यह विशेष रूप से अहम है, क्योंकि नए निवेशकों में से कई लोग अपना PAN नंबर अपडेट नहीं करते हैं।
- NPS (National Pension Scheme) या अन्य टैक्स सेविंग इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करने वालों को भी ध्यान देना होगा।
- रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में ग्रीन बॉन्ड्स, इनवेस्टमेंट ट्रस्ट्स (InvITs) आदि में निवेश करने वाले लोग भी इससे प्रभावित हो सकते हैं।
बैंक और अन्य वित्तीय संस्थाएं क्यों कर रही हैं यह बदलाव?
सरकार का उद्देश्य है कि सभी निवेशक अपने पैन को आधार से लिंक करें और टैक्स रिपोर्टिंग को अधिक पारदर्शी और ट्रैक करने योग्य बनाया जाए।
CBDT का मानना है कि बिना PAN नंबर के निवेश ट्रैक करना मुश्किल हो जाता है और इससे टैक्स चोरी की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। यह कदम वित्तीय अनुशासन और पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
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कैसे बच सकते हैं 20% टैक्स कटौती से?
इस नियम से बचने का सबसे सरल और सीधा उपाय है कि आप अपने सभी वित्तीय खातों में PAN नंबर अपडेट कर दें।
- अगर आपने IPO में निवेश किया है तो शेयर ब्रोकर या रजिस्ट्रार की वेबसाइट पर जाकर अपने KYC डॉक्यूमेंट्स अपडेट करें।
- बैंक खातों में PAN लिंक न होने की स्थिति में बैंक ब्रांच या ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से अपडेट करें।
- म्यूचुअल फंड या अन्य निवेश प्लेटफॉर्म्स पर जाकर अपने प्रोफाइल में PAN नंबर जोड़ें और आधार से लिंक करें।
क्या PAN-Aadhaar लिंक होना भी जरूरी है?
जी हां, PAN को Aadhaar से लिंक करना भी अनिवार्य है। सरकार पहले ही साफ कर चुकी है कि जो PAN-Aadhaar लिंक नहीं होंगे, वे ‘इनऑपरेटिव’ यानी अमान्य माने जाएंगे। ऐसी स्थिति में निवेशक का PAN मान्य नहीं रहेगा, और वह 20% टैक्स कटौती के दायरे में आ जाएगा।
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क्या NRI (Non-Resident Indian) निवेशकों पर भी लागू होगा यह नियम?
यह नियम सभी निवेशकों पर लागू होगा, चाहे वे रेजिडेंट हों या नॉन-रेजिडेंट। हालांकि NRI निवेशकों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है क्योंकि उनके दस्तावेज़ भारतीय संस्थानों के साथ सिंक्रोनाइज़ करना अधिक जटिल हो सकता है।
सरकार की मंशा क्या है?
सरकार चाहती है कि टैक्स बेस को बढ़ाया जाए और सभी प्रकार की इनकम का रिकॉर्ड सही तरह से हो। यह कदम डिजिटल इंडिया और पारदर्शी टैक्स व्यवस्था की दिशा में एक और बड़ा कदम माना जा रहा है।