
उत्तर प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं के लिए एक बड़ी राहत और तकनीकी उन्नयन की दिशा में कदम उठाते हुए प्रीपेड स्मार्ट मीटर (Prepaid Smart Meter) की सुविधा शुरू की गई है। उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPPCL) के चेयरमैन आशीष गोयल ने खुद अपने सरकारी आवास पर प्रदेश का पहला प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगवाकर इस योजना की औपचारिक शुरुआत की। इसके तहत राज्य के तीन करोड़ से अधिक उपभोक्ताओं के यहां इन मीटरों को लगाए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
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स्मार्ट मीटर योजना को मिला नया आयाम
अब तक राज्य में केवल पोस्टपेड स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे थे, लेकिन इस योजना को और अधिक पारदर्शी और उपयोगकर्ता-केन्द्रित बनाने के लिए स्मार्ट मीटर को प्रीपेड मोड में भी उपलब्ध करा दिया गया है। यह मीटर उपभोक्ता को न केवल अपनी बिजली खपत पर नियंत्रण रखने का अवसर देता है, बल्कि उन्हें हर महीने की झंझटों से भी मुक्ति दिलाता है।
चेयरमैन के आवास से हुई शुरुआत
यूपीपीसीएल चेयरमैन आशीष गोयल के लखनऊ स्थित गौतमपल्ली आवास पर पहले एक सामान्य स्मार्ट मीटर लगाया गया था, जिसे अब 22 अक्टूबर 2024 को प्रीपेड मोड वाले स्मार्ट मीटर में परिवर्तित कर दिया गया। चेयरमैन ने इसे “समय की मांग” बताते हुए कहा कि यह मीटर उपभोक्ताओं को सटीक रीडिंग देता है और पूरी प्रक्रिया बिना किसी अतिरिक्त लागत के होती है। इसमें हर माह मीटर रीडिंग करवाने की आवश्यकता नहीं होती।
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पारदर्शिता और बिजली चोरी पर रोक
स्मार्ट मीटर तकनीक न केवल बिजली वितरण प्रणाली को पारदर्शी बनाती है बल्कि बिजली चोरी जैसी गंभीर समस्या को भी प्रभावी रूप से नियंत्रित करती है। प्रीपेड मोड के जरिए उपभोक्ता जितनी बिजली का उपयोग करेंगे, उतना ही पहले से भुगतान करेंगे, जिससे बिजली बिल को लेकर विवाद की संभावना समाप्त हो जाएगी।
अब तक कितने मीटर लगाए जा चुके हैं
उत्तर प्रदेश में कुल 3,09,78,000 स्मार्ट मीटर लगाए जाने हैं। इनमें से अब तक 28,45,274 मीटर इंस्टाल किए जा चुके हैं। यह संख्या तेजी से बढ़ रही है क्योंकि योजना को सरकार के शीर्ष स्तर से प्रोत्साहन मिल रहा है।
जनप्रतिनिधियों और अफसरों के आवासों पर भी स्मार्ट मीटर
इस योजना के तहत कई जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने अपने आवासों पर स्मार्ट मीटर लगवाकर दूसरों को भी प्रेरित किया है। इनमें राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख, पूर्व केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर, भाजपा एमएलसी श्रीचंद्र शर्मा, विधायक रमेश जायसवाल, योगेश शुक्ला, ओपी श्रीवास्तव और अजीत पाल त्यागी के नाम प्रमुख हैं।
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इसके अलावा प्रदेश के सभी सरकारी भवनों पर भी स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। डीएम मुरादाबाद, एसपी ऑफिस, सीएमओ ऑफिस बिजनौर, डिस्ट्रिक्ट जज अमरोहा, मेयर बरेली और राज्य सूचना आयोग जैसे महत्वपूर्ण स्थानों पर यह प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है।
सूचना आयोग भवन से मिली नई प्रेरणा
राज्य सूचना आयोग के सचिव आईएएस अभय सिंह ने भी आयोग भवन में स्मार्ट मीटर इंस्टाल करवाया और इसे उपभोक्ताओं के लिए “क्रांतिकारी पहल” बताया। उन्होंने कहा कि यह कदम उपभोक्ताओं की सहूलियत बढ़ाने वाला है और डिजिटल भारत की दिशा में एक बड़ा योगदान है।
एक क्लिक में रीचार्ज, पूरी जानकारी रियल टाइम में
प्रीपेड स्मार्ट मीटर की सबसे खास बात यह है कि इसे एक क्लिक में रीचार्ज किया जा सकता है। इससे उपभोक्ता को रियल टाइम डेटा मिलता है, जिससे वे अपनी दैनिक ऊर्जा खपत की निगरानी कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त यह मीटर लोड मैनेजमेंट में भी मदद करता है, यानी ज्यादा खपत होने पर अलर्ट देता है और बिजली कटौती की जानकारी भी पहले से देता है।
यह भी
उपभोक्ताओं को क्या लाभ होंगे?
- बिजली खपत पर स्वयं नियंत्रण
- रीचार्ज सुविधा मोबाइल ऐप या वेबसाइट के माध्यम से
- सटीक बिलिंग और कोई झूठी रीडिंग नहीं
- बिजली कटौती की अग्रिम सूचना
- चोरी पर रोक और पारदर्शिता में वृद्धि
- हर माह रीडिंग करवाने की आवश्यकता नहीं
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