
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपनी नियामकीय अनुपालन नीतियों में खामियों के लिए तीन प्रमुख बैंकों पर जुर्माना लगाया है। केंद्रीय बैंक ने बृहस्पतिवार को घोषणा की कि उसने कोटक महिंद्रा बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और पंजाब नेशनल बैंक (PNB) पर नियामकीय दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने के लिए जुर्माना लगाया है। यह कदम रिजर्व बैंक द्वारा बैंकों के नियामकीय अनुपालन की निगरानी के तहत लिया गया है, ताकि बैंकिंग प्रणाली में पारदर्शिता और जिम्मेदारी बनाए रखी जा सके।
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कोटक महिंद्रा बैंक पर 61.4 लाख रुपये का जुर्माना
भारतीय रिजर्व बैंक ने कोटक महिंद्रा बैंक पर बैंक ऋण वितरण और अग्रिमों से संबंधित कुछ विशेष निर्देशों का पालन न करने के लिए 61.4 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। रिजर्व बैंक ने इस मामले में बैंक द्वारा ‘बैंक ऋण वितरण के लिए ऋण प्रणाली पर दिशानिर्देश’ और ‘ऋण और अग्रिम – वैधानिक और अन्य प्रतिबंध’ जैसे नियमों का उल्लंघन पाया।
आरबीआई का कहना है कि इस जुर्माने का उद्देश्य बैंक के ऋण वितरण प्रणाली में सुधार लाना है और यह बैंकों के ग्राहकों के साथ किए गए लेन-देन की वैधता को प्रभावित नहीं करता है। कोटक महिंद्रा बैंक ने इस जुर्माने पर अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि वह नियमों का पालन करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रहे हैं और यह जुर्माना किसी वित्तीय असंगतता का संकेत नहीं है।
आईडीएफसी फर्स्ट बैंक पर 38.6 लाख रुपये का जुर्माना
आईडीएफसी फर्स्ट बैंक को ‘अपने ग्राहक को जानें (KYC)’ प्रक्रिया के संबंध में कुछ नियमों का उल्लंघन करने पर 38.6 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। रिजर्व बैंक ने कहा कि बैंक ने KYC से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण निर्देशों का पालन नहीं किया, जिससे बैंकिंग प्रणाली की पारदर्शिता और सुरक्षा पर असर पड़ सकता था।
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आईडीएफसी फर्स्ट बैंक ने इस जुर्माने को स्वीकार करते हुए कहा कि वह अपनी प्रक्रियाओं में सुधार लाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रहा है। बैंक ने यह भी स्पष्ट किया कि KYC के मामलों में सुधार के लिए पहले ही कई पहल की जा चुकी हैं।
पंजाब नेशनल बैंक पर 29.6 लाख रुपये का जुर्माना
पंजाब नेशनल बैंक (PNB) पर भी आरबीआई ने 29.6 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना बैंक द्वारा ‘बैंकों में ग्राहक सेवा’ पर जारी कुछ निर्देशों का पालन न करने के कारण लगाया गया है। रिजर्व बैंक का मानना था कि PNB ने ग्राहकों को बेहतर सेवा प्रदान करने के लिए तय किए गए मानकों का पालन नहीं किया, जिससे ग्राहक सेवा में असंतोष हो सकता था।
PNB ने इस जुर्माने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह बैंक की ग्राहक सेवा प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रहा है। बैंक ने यह भी कहा कि उसकी प्राथमिकता हमेशा अपने ग्राहकों को सर्वोत्तम सेवा प्रदान करना है।
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रिजर्व बैंक का बयान और उद्देश्य
आरबीआई के एक बयान में कहा गया है कि यह जुर्माना बैंकों के नियामकीय अनुपालन में खामियों के आधार पर लगाया गया है और इसका उद्देश्य बैंकों द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी लेन-देन या समझौते की वैधता पर निर्णय नहीं देना है। केंद्रीय बैंक का यह कदम बैंकों को नियमों का पालन करने के लिए प्रेरित करने और प्रणाली में पारदर्शिता बनाए रखने के उद्देश्य से है।
आरबीआई के मुताबिक, इन जुर्मानों का उद्देश्य बैंकों को अपनी प्रक्रियाओं में सुधार करने और सुनिश्चित करने के लिए है कि वे सभी नियामकीय दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन करें।
बैंकिंग क्षेत्र में आरबीआई की भूमिका
भारतीय रिजर्व बैंक का मुख्य उद्देश्य भारतीय बैंकिंग प्रणाली की स्थिरता और विश्वसनीयता बनाए रखना है। इसके लिए, RBI समय-समय पर बैंकों पर निगरानी रखता है और यदि कोई बैंक नियामकीय दिशानिर्देशों का उल्लंघन करता है, तो उसे दंडित किया जाता है। यह प्रक्रिया बैंकिंग क्षेत्र में अनुशासन बनाए रखने और ग्राहकों के हितों की रक्षा करने के लिए महत्वपूर्ण है।
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साथ ही, RBI बैंकों के बीच प्रतिस्पर्धा को स्वस्थ बनाए रखने और वित्तीय प्रणाली को मजबूत करने के लिए भी सक्रिय रूप से काम करता है। इसके अलावा, वह बैंकों को यह सुनिश्चित करने के लिए प्रोत्साहित करता है कि वे अपनी सेवाओं को बेहतर बनाएं और ग्राहकों के लिए उच्च गुणवत्ता की सुविधाएं प्रदान करें।