87 प्राइवेट स्कूलों की मान्यता रद्द! जांच में सामने आई चौंकाने वाली लापरवाही

87 प्राइवेट स्कूलों की मान्यता रद्द! जांच में सामने आई चौंकाने वाली लापरवाही
87 प्राइवेट स्कूलों की मान्यता रद्द! जांच में सामने आई चौंकाने वाली लापरवाही

धार जिले (Dhar District) में शिक्षा व्यवस्था को लेकर एक बड़ी कार्रवाई की गई है। मान्यता (Recognition) के लिए आवेदन करने वाले 671 स्कूलों में से 87 निजी स्कूलों की मान्यता आवश्यक मापदंडों को पूरा न करने के कारण रद्द कर दी गई है। इन स्कूलों की मान्यता बीआरसी (BRC) और डीपीसी (DPC) स्तर पर निरीक्षण के बाद निरस्त की गई है। स्कूलों को अब अंतिम अवसर के रूप में कलेक्टर के समक्ष अपील का विकल्प दिया गया है।

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धार जिले में शिक्षा व्यवस्था की कमियों पर सख्ती से कार्रवाई की गई है। मान्यता के सख्त मापदंडों को पूरा न करने वाले स्कूलों के खिलाफ की गई यह कार्रवाई एक सख्त संदेश है कि शिक्षा का स्तर सुधारना अनिवार्य है। वहीं, अपार आइडी की प्रक्रिया में तकनीकी और आधार से जुड़ी समस्याओं के समाधान की दिशा में त्वरित कदम उठाए जाने की आवश्यकता है।

मान्यता रद्द होने के प्रमुख कारण

स्कूलों की मान्यता रद्द करने के पीछे कई कारण सामने आए हैं। इन स्कूलों में भवन और खेल मैदान का अभाव, आवश्यक दस्तावेजों की कमी, प्रशिक्षित शिक्षकों की नियुक्ति में कमी, योग्यता मापदंडों की अनुपालना न होना, छात्रों की जानकारी का ऑनलाइन अपडेट न होना और फायर सेफ्टी (Fire Safety) जैसे सुरक्षा उपायों का अभाव प्रमुख हैं।

डीपीसी स्तर पर जब स्कूलों का दोबारा निरीक्षण किया गया तो उनमें ये कमियां बनी रहीं, जिसके चलते इन स्कूलों को मान्यता नहीं दी गई।

स्कूल मान्यता की प्रक्रिया

स्कूलों द्वारा मान्यता के लिए पोर्टल पर आवेदन जमा किए जाते हैं। इसके बाद बीआरसी द्वारा स्कूलों का भौतिक निरीक्षण कर रिपोर्ट तैयार की जाती है, जिसे डीपीसी को भेजा जाता है। डीपीसी द्वारा निरीक्षण के बाद जो स्कूल सभी मापदंडों पर खरे उतरते हैं, उन्हें मान्यता दी जाती है, जबकि कमियां मिलने पर मान्यता रद्द कर दी जाती है। रद्द किए गए स्कूलों को केवल कलेक्टर के समक्ष अपील का अवसर मिलता है।

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अपार आइडी (APAAR ID) के काम में रुकावट

विद्यार्थियों की डिजिटल जानकारी को एक क्लिक पर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से केंद्र सरकार द्वारा अपार आइडी (APAAR ID) बनाई जा रही है। लेकिन आधार अपडेट की प्रक्रिया में आ रही रुकावटों के कारण अब तक लक्ष्य के अनुसार प्रगति नहीं हो पाई है।

धार जिले में 3,27,421 विद्यार्थियों की अपार आइडी बनाई जानी थी, लेकिन अब तक केवल 2,06,734 आइडी ही बन सकी हैं। इसका कारण है शहर में आधार सेंटरों की कमी और यू-डाइस प्लस (UDISE Plus) पोर्टल पर तकनीकी समस्याएं।

आधार और स्कूल डेटा में अंतर बना बाधा

आइडी बनाने की प्रक्रिया यू-डाइस प्लस पोर्टल और आधार कार्ड के डेटा पर आधारित है। लेकिन दोनों में नाम, जन्म तिथि, माता-पिता के नाम और स्पेलिंग में अंतर आने के कारण कई बार आइडी जनरेट नहीं हो पा रही है। इस कारण अब तक 2000 से अधिक आइडी रिजेक्ट हो चुकी हैं।

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मान्यता के मुख्य मापदंड

स्कूलों की मान्यता के लिए सरकार ने कुछ अनिवार्य मापदंड तय किए हैं:

  • पंजीकृत किरायानामा या खुद का भवन
  • प्राथमिक शाला के लिए कम से कम 7 कक्षाएं और 7 शिक्षक
  • खेल मैदान की न्यूनतम साइज 2400 से 4000 स्क्वेयर फीट
  • बालक-बालिकाओं के लिए अलग-अलग शौचालय
  • अग्निशमन यंत्र (Fire Safety Equipment)
  • लाइब्रेरी की सुविधा

पोर्टल की तकनीकी दिक्कतों ने बढ़ाई परेशानी

पिछले दो दिनों से यू-डाइस प्लस पोर्टल तकनीकी कारणों से नहीं खुल रहा है। इससे न केवल आइडी बनाने की प्रक्रिया धीमी हुई है बल्कि शिक्षकों और स्कूल प्रशासन को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अब शिक्षकों को छात्रों के आधार अपडेट कराने और आइडी जनरेट करने में मार्गदर्शन की भूमिका निभानी होगी।

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भविष्य की रणनीति

विभाग ने पहले दिसंबर 2025, फिर 31 मार्च तक की डेडलाइन तय की थी। अब अप्रैल तक कार्य पूरा करने की योजना बनाई जा रही है। हालांकि प्रगति को देखते हुए यह कहना मुश्किल है कि समय पर सभी छात्रों की आइडी बन पाएगी या नहीं।

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