बुजुर्गों के लिए वरदान! अगर बुढ़ापे में नहीं है सहारा, तो ये रिवर्स मॉर्गेज स्कीम करेगी आपकी फाइनेंशियल मदद

बुजुर्गों के लिए वरदान! अगर बुढ़ापे में नहीं है सहारा, तो ये रिवर्स मॉर्गेज स्कीम करेगी आपकी फाइनेंशियल मदद
Reverse Mortgage Scheme

भारत में बुजुर्गों के लिए आर्थिक सुरक्षा एक बड़ी चिंता होती है, खासकर तब जब रिटायरमेंट के बाद कोई पेंशन या आय का अन्य साधन मौजूद न हो। ऐसे में रिवर्स मॉर्गेज स्‍कीम (Reverse Mortgage Scheme) एक ऐसी सुविधा है जो वरिष्‍ठ नागरिकों को उनके अपने घर की मदद से एक स्थायी मासिक आमदनी देने का अवसर प्रदान करती है। ये योजना उन लोगों के लिए वरदान साबित हो सकती है जिनके पास खुद का घर है लेकिन कमाई का कोई जरिया नहीं बचा है।

कैसे काम करती है रिवर्स मॉर्गेज स्‍कीम

HDFC बैंक और अन्य प्रमुख वित्तीय संस्थानों के अनुसार, रिवर्स मॉर्गेज स्‍कीम पारंपरिक लोन की प्रक्रिया से बिलकुल उलट होती है। सामान्य रूप से जब कोई व्यक्ति लोन लेता है, तो वह बैंक को हर महीने EMI चुकाता है। लेकिन इस योजना में, वरिष्‍ठ नागरिक अपनी संपत्ति को बैंक के पास गिरवी रख देते हैं और इसके बदले में बैंक उन्हें एक निश्चित मासिक राशि देता है। यह राशि उनके जीवनकाल तक मिलती रहती है या अधिकतम 15 वर्षों तक दी जाती है।

वरिष्ठ नागरिक को इस योजना के तहत अपने जीवन में कभी भी यह लोन चुकाने की आवश्यकता नहीं होती। उनकी मृत्यु के बाद बैंक को प्रॉपर्टी का स्वामित्व मिल जाता है और वह उसे बेच सकता है। यदि परिवार वाले चाहें तो प्रॉपर्टी की कीमत चुका कर घर वापस हासिल कर सकते हैं। बची हुई राशि कानूनी उत्तराधिकारियों को वापस मिल जाती है।

इस स्‍कीम से क्या लाभ होता है

जिन लोगों के पास रिटायरमेंट के बाद आय का कोई साधन नहीं है, या फिर परिवार में सहयोग की कमी है, उनके लिए रिवर्स मॉर्गेज स्‍कीम आत्मनिर्भरता का रास्ता खोलती है। उन्हें अपने घर को छोड़ने की जरूरत नहीं होती, और ना ही किराए के मकान में जाना पड़ता है। जीवनभर उसी घर में रहते हुए वे नियमित आमदनी प्राप्त कर सकते हैं। इस स्कीम की सबसे बड़ी बात यह है कि लोन को कभी चुकाना नहीं पड़ता और परिवार को भी संपत्ति खरीदने का विकल्प दिया जाता है।

कौन ले सकता है इस स्‍कीम का लाभ

इस योजना का लाभ वही भारतीय नागरिक ले सकते हैं जिनकी आयु कम से कम 60 वर्ष हो। यदि पति-पत्नी दोनों योजना में शामिल होते हैं तो पत्नी की न्यूनतम उम्र 58 वर्ष होनी चाहिए। ज़रूरी है कि उनके पास खुद की रजिस्टर्ड संपत्ति हो, जिसका बाजार मूल्य उचित हो। बैंक संपत्ति की वैल्यू के आधार पर तय करता है कि हर महीने कितनी रकम दी जाएगी।

इस योजना की ब्याज दरें हर बैंक में अलग होती हैं और समय-समय पर इसमें बदलाव भी हो सकता है। योजना की अवधि सामान्यत: 10 से 15 वर्ष होती है, जिसके दौरान नियमित भुगतान किया जाता है।

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