
राजधानी दिल्ली में स्कूल फीस वृद्धि का मुद्दा लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। कई निजी स्कूलों द्वारा ट्यूशन फीस में 20% से लेकर 82% तक की बढ़ोत्तरी के खिलाफ अभिभावकों ने मोर्चा खोल दिया है। शहर के अलग-अलग इलाकों में स्कूलों के बाहर विरोध-प्रदर्शन देखने को मिल रहे हैं। इस बढ़ते विवाद के बीच दिल्ली सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए फीस संबंधी शिकायतों के निपटारे के लिए एक हेल्पलाइन ईमेल जारी की है। अब कोई भी अभिभावक अगर फीस को लेकर परेशान है, तो वह सीधे [email protected] पर अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का आश्वासन, सीधे मेल करें
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने खुद मीडिया से बात करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार बच्चों और अभिभावकों की सुविधा के लिए प्रतिबद्ध है। यदि किसी को भी फीस से जुड़ी कोई समस्या है, तो वह बिना किसी झिझक के सरकार को [email protected] पर मेल कर सकता है। सरकार समय पर सभी शिकायतों का संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई करेगी।
निजी स्कूलों की फीस बढ़ने पर AAP ने BJP को ठहराया जिम्मेदार
इस मुद्दे को राजनीतिक रंग भी मिल चुका है। आम आदमी पार्टी (AAP) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप लगाया है कि जब से दिल्ली में BJP सरकार बनी है, तभी से निजी स्कूलों ने मनमानी शुरू कर दी है। AAP का दावा है कि पिछले 10 वर्षों में उनकी सरकार के दौरान स्कूल फीस नहीं बढ़ी, लेकिन बीजेपी सरकार बनने के बाद ही फीस में 20% से 82% तक की वृद्धि कर दी गई है।
AAP के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि “हमने अपने कार्यकाल में कभी भी निजी स्कूलों को मनमानी नहीं करने दी, लेकिन बीजेपी सरकार बनते ही ये स्कूल खुलेआम नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं।” AAP प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने भी प्रेसवार्ता में कहा कि अब दिल्ली के लगभग हर प्राइवेट स्कूल ने फीस बढ़ा दी है, जिससे आम आदमी की जेब पर सीधा असर पड़ा है।
बिजली, पानी और स्कूल पर लगातार सवाल उठा रही AAP
AAP के नेताओं ने सिर्फ स्कूल फीस ही नहीं बल्कि बिजली-पानी की आपूर्ति पर भी सरकार को घेरा है। उनका कहना है कि पहले 24 घंटे बिजली मिलती थी, लेकिन अब कटौती बढ़ गई है। दिल्ली के बुराड़ी से विधायक संजीव झा ने भी कहा कि बीजेपी सरकार बनने के बाद सबसे पहली मार उन अभिभावकों पर पड़ी है जो अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में पढ़ा रहे हैं।
बीजेपी का पलटवार: AAP फैला रही झूठ, फीस वृद्धि पर रोक
इन आरोपों पर BJP की तरफ से भी कड़ी प्रतिक्रिया आई है। प्रदेश भाजपा महामंत्री कमलजीत सहरावत ने बयान देते हुए कहा कि “कुछ निजी स्कूलों ने वाकई में फीस बढ़ाई है, लेकिन इसके खिलाफ तुरंत कार्रवाई की गई है। शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने सभी स्कूलों के खातों का ऑडिट कराने का आदेश दिया है। जब तक ऑडिट रिपोर्ट नहीं आ जाती, तब तक कोई भी स्कूल फीस नहीं बढ़ा सकता।”
उन्होंने कहा कि “आप विधायक आतिशी और अन्य नेता सिर्फ मीडिया में बने रहने के लिए बयानबाजी कर रहे हैं। जब सरकार पहले ही कदम उठा चुकी है, तब इस तरह की राजनीति करना सिर्फ लोगों को भ्रमित करने की कोशिश है।”
AAP के अंदरूनी मतभेद को BJP ने बताया झगड़े की वजह
भाजपा नेताओं ने यह भी आरोप लगाया कि आप पार्टी के अंदर संगठन और विधायक दल के बीच शीत युद्ध चल रहा है, और उसी का नतीजा है कि आतिशी और सौरभ भारद्वाज जैसे नेता एक ही विषय पर अलग-अलग बयान दे रहे हैं। भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने यहां तक कह दिया कि “AAP सरकार में भ्रष्टाचार चरम पर था—चाहे बिजली वितरण हो या जल बोर्ड का मामला, हर जगह घोटाले हुए।”
उन्होंने दावा किया कि “न तो दिल्ली में बिजली-पानी की कटौती हो रही है और न ही स्कूलों को मनमानी करने की छूट दी जा रही है। सभी 1665 प्राइवेट स्कूलों के खातों की जांच का आदेश शिक्षा मंत्री ने दे दिया है।”
दिल्ली सरकार के फैसले से अभिभावकों को उम्मीद
हालांकि इस सियासी घमासान के बीच दिल्ली सरकार द्वारा हेल्पलाइन ईमेल जारी करना अभिभावकों के लिए राहत की खबर है। अब वे सीधे तौर पर अपनी समस्याएं संबंधित विभाग तक पहुंचा सकते हैं। सरकार का यह कदम यदि गंभीरता से लागू किया गया, तो यह निजी स्कूलों पर नियंत्रण का एक प्रभावी माध्यम बन सकता है।