
म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान यानी SIP के जरिए निवेश करना आज के दौर में सबसे लोकप्रिय विकल्प बन चुका है। खासकर लॉन्ग टर्म निवेश की बात करें तो SIP ने बीते वर्षों में शानदार रिटर्न देकर निवेशकों का भरोसा मजबूत किया है। यही वजह है कि अब लोग अपने बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए भी SIP की ओर रुख कर रहे हैं। लेकिन यदि आप अपने नाबालिग (Minor) बच्चे के नाम से SIP शुरू करना चाहते हैं, तो इसके लिए कुछ नियमों और प्रक्रियाओं की जानकारी होना बेहद जरूरी है।
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माइनर के नाम से SIP शुरू करने की पात्रता
SIP में निवेश करने के लिए उम्र की कोई बाध्यता नहीं है। आप अपने नाबालिग बच्चे के नाम से भी निवेश शुरू कर सकते हैं। हालांकि, जब निवेश माइनर के नाम से किया जाता है, तो उसके साथ एक अभिभावक (Guardian) का होना अनिवार्य होता है। यह अभिभावक बच्चा का प्राकृतिक (Biological) या कानूनी (Legal) संरक्षक होना चाहिए।
इस निवेश खाते में माइनर ही एकमात्र होल्डर रहेगा। जॉइंट होल्डर की अनुमति नहीं दी जाती। यानी निवेश का नियंत्रण पूरी तरह से अभिभावक के जरिए माइनर के लिए किया जाएगा।
निवेश की प्रक्रिया और जरूरी दस्तावेज
नाबालिग के नाम SIP शुरू करते समय निवेशक को कुछ जरूरी दस्तावेज जमा करने होते हैं।
- बच्चे की उम्र और रिश्ते का प्रमाण: बच्चे का बर्थ सर्टिफिकेट, पासपोर्ट या अन्य कोई वैध डॉक्यूमेंट, जिसमें उसकी जन्मतिथि और अभिभावक के साथ संबंध स्पष्ट हो।
- अभिभावक की KYC प्रक्रिया: SIP शुरू करने से पहले अभिभावक को अपनी पहचान और पते से संबंधित दस्तावेजों के साथ Know Your Customer (KYC) प्रक्रिया पूरी करनी होती है।
- बैंक खाता और ट्रांजैक्शन: SIP की रकम सीधे माइनर के नाम से खुले बैंक अकाउंट से काटी जा सकती है। हालांकि यदि रकम पैरेंट्स के अकाउंट से कटती है तो इसके लिए थर्ड पार्टी डिक्लरेशन फॉर्म जमा करना आवश्यक होता है।
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SIP से जुड़े लाभ
माइनर के नाम से SIP शुरू करना एक फाइनेंशियल प्लानिंग का समझदारी भरा कदम माना जाता है।
- लॉन्ग टर्म कंपाउंडिंग का लाभ: जितनी जल्दी निवेश की शुरुआत होगी, उतना ही अधिक रिटर्न समय के साथ मिल सकता है।
- बच्चे की पढ़ाई और शादी के लिए सुरक्षित फंड: SIP के जरिए बच्चा 18 साल का होने तक अच्छी रकम जमा कर सकता है, जिसका इस्तेमाल उच्च शिक्षा या शादी के लिए किया जा सकता है।
- नियमित निवेश की आदत: SIP निवेश को एक आदत में बदल देता है जिससे भविष्य के लिए आर्थिक अनुशासन बनता है।
जब बच्चा 18 साल का हो जाए
SIP में किए गए निवेश की संरचना तब तक वैध रहती है जब तक बच्चा 18 वर्ष का नहीं हो जाता। जैसे ही माइनर मेजर होता है, निवेश खाते में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव करने होते हैं।
18 साल का होने से पहले फंड हाउस द्वारा यूनिट होल्डर को एक नोटिस भेजा जाता है। इस नोटिस में माइनर को बताया जाता है कि उसे निवेश की स्थिति को ‘माइनर’ से ‘मेजर’ में बदलना होगा। इसके लिए जरूरी दस्तावेजों के साथ एक फॉर्म भरकर जमा करना होता है।
यदि यह प्रक्रिया पूरी नहीं की जाती, तो SIP और उससे जुड़ी ऑटोमैटिक ट्रांजैक्शंस को रोका जा सकता है।
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माइनर SIP से जुड़े टैक्स नियम
नाबालिग के नाम किए गए निवेश से मिलने वाला लाभ टैक्स के दायरे में आता है। हालांकि आय की गणना पैरेंट्स की आय में मर्ज कर दी जाती है, जब तक बच्चा 18 साल का नहीं हो जाता। 18 के बाद लाभार्थी के नाम पर टैक्स की गणना अलग से की जाती है।
भविष्य के लिए SIP क्यों है बेहतर विकल्प?
SIP आज के युवाओं से लेकर परिवार चलाने वाले माता-पिता तक, हर वर्ग के लिए निवेश का आसान और फायदेमंद तरीका बन चुका है। इसके जरिए आप एक छोटी सी रकम से शुरुआत कर बड़ी पूंजी बना सकते हैं। खासकर बच्चों के लिए SIP से किया गया निवेश एक बेहतर फाइनेंशियल गिफ्ट भी साबित हो सकता है।
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इसमें बाजार जोखिम जरूर होता है, लेकिन समय और नियमितता के साथ जोखिम का असर कम होता जाता है।