
उत्तर प्रदेश सरकार ने गरीब और जरूरतमंद परिवारों के लिए एक बड़ी राहत की घोषणा की है। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना (Mukhyamantri Samuhik Vivah Yojana) के तहत अब शादी में दी जाने वाली आर्थिक सहायता को ₹51,000 से बढ़ाकर सीधे ₹1,00,000 कर दिया गया है। यह कदम उन परिवारों के लिए एक बड़ी सौगात है जो आर्थिक तंगी के कारण अपनी बेटियों की शादी करने में असमर्थ हैं।
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योजना का उद्देश्य
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना का मुख्य उद्देश्य प्रदेश के आर्थिक रूप से कमजोर, असहाय और जरूरतमंद परिवारों की बेटियों की शादी को गरिमापूर्ण ढंग से कराना है। इस योजना के जरिए सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि किसी भी बेटी की शादी केवल पैसों की कमी के कारण न रुके। योजना न सिर्फ सामाजिक सुरक्षा देती है बल्कि इसे बेटियों के उज्ज्वल भविष्य की ओर एक सशक्त कदम के रूप में भी देखा जा रहा है।
अब क्या-क्या मिलेगा इस योजना के तहत?
योजना में किए गए नए संशोधन के अनुसार लाभार्थी परिवारों को कुल ₹1 लाख की आर्थिक सहायता मिलेगी। इसमें विभाजन इस प्रकार किया गया है:
- ₹75,000 की राशि सीधे वधु (दुल्हन) के बैंक खाते में स्थानांतरित की जाएगी।
- ₹10,000 की राशि कपड़े, बर्तन, उपहार जैसे आवश्यक सामानों के लिए दी जाएगी।
- ₹15,000 आयोजन के खर्च के लिए उपलब्ध कराए जाएंगे।
अगर विवाह व्यक्तिगत रूप से किया गया हो, तब भी सामान्य वर्ग की कन्याओं को ₹20,000 की सहायता दी जाएगी। यह प्रावधान खासतौर पर उन परिवारों के लिए है जो योजना का लाभ तो लेना चाहते हैं, लेकिन सामूहिक विवाह समारोह में भाग नहीं ले सकते।
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पात्रता शर्तें
योजना का लाभ उठाने के लिए कुछ प्रमुख शर्तें हैं:
- वर और वधु, दोनों उत्तर प्रदेश के निवासी होने चाहिए।
- वधु की उम्र कम से कम 18 वर्ष और वर की उम्र 21 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए।
- वार्षिक पारिवारिक आय राज्य सरकार द्वारा निर्धारित सीमा के भीतर होनी चाहिए।
- लाभार्थी के पास आधार कार्ड, जाति प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र जैसे दस्तावेज़ होने अनिवार्य हैं।
कैसे करें आवेदन?
योजना के लिए आवेदन की प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन है, जिससे पारदर्शिता बनी रहे और लोगों को सहूलियत मिले। इच्छुक आवेदक समाज कल्याण विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर “मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना” सेक्शन में आवेदन कर सकते हैं।
आवेदन की प्रक्रिया में शामिल हैं:
- ऑनलाइन फॉर्म भरना और सभी जरूरी दस्तावेज़ जैसे आधार कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र, फोटो, आय और जाति प्रमाण पत्र अपलोड करना।
- विवाह की निर्धारित तिथियों में से एक तिथि का चयन करना।
- आवेदन जमा करने के बाद उसकी रसीद अपने पास सुरक्षित रखना।
- दस्तावेजों की जांच के बाद पात्र पाए जाने पर मंजूरी प्रदान की जाएगी।
- तय तारीख और स्थान पर आयोजित सामूहिक विवाह समारोह में भाग लेना होगा।
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क्यों बढ़ाई गई सहायता राशि?
सरकार द्वारा सहायता राशि को दोगुना करने का मुख्य कारण महंगाई में लगातार हो रही वृद्धि और विवाह समारोहों में आने वाला खर्च है। 2017 से शुरू हुई इस योजना में अब तक लाखों परिवार लाभ उठा चुके हैं, और अब ₹1 लाख की सहायता से अधिक परिवार इस योजना की ओर आकर्षित हो रहे हैं। सरकार का मानना है कि इससे न सिर्फ आर्थिक बोझ कम होगा, बल्कि समाज में बेटियों के प्रति सम्मान और सुरक्षा की भावना भी बढ़ेगी।
2024 में क्या कहती है योजना की स्थिति?
2024 में अब तक कुल 932 शादियां इस योजना के तहत संपन्न हो चुकी हैं। यह आंकड़ा 2023 की तुलना में थोड़ा कम है, लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि जैसे-जैसे लोग इस योजना के नए संशोधनों और लाभों से अवगत होंगे, भागीदारी बढ़ेगी। सरकार भी विभिन्न माध्यमों से इस योजना का प्रचार-प्रसार कर रही है ताकि अधिक से अधिक लोग इससे लाभान्वित हो सकें।