Credit Card का बैलेंस ट्रांसफर कब करें और कैसे? जानिए पूरा प्रोसेस और इससे मिलने वाले फायदे

Credit Card का बैलेंस ट्रांसफर कब करें और कैसे? जानिए पूरा प्रोसेस और इससे मिलने वाले फायदे
Credit Card का बैलेंस ट्रांसफर कब करें और कैसे? जानिए पूरा प्रोसेस और इससे मिलने वाले फायदे

क्रेडिट कार्ड (Credit Card) आज के समय में एक बेहद जरूरी फाइनेंशियल टूल बन चुका है, लेकिन अगर समय पर भुगतान न हो तो यह कर्ज का बोझ भी बन सकता है। ऐसे में यदि किसी व्यक्ति के एक या एक से अधिक कार्ड पर बकाया राशि ज्यादा हो गई है, तो बैलेंस ट्रांसफर (Balance Transfer) एक बेहतर विकल्प बन सकता है। बैलेंस ट्रांसफर का अर्थ है एक क्रेडिट कार्ड का बकाया दूसरे क्रेडिट कार्ड पर ट्रांसफर करना, जिससे ब्याज दर कम हो जाती है और कर्ज चुकाने में आसानी होती है। आइए विस्तार से समझते हैं कि क्रेडिट कार्ड बैलेंस ट्रांसफर कब करना चाहिए, यह कैसे किया जाता है और इससे क्या फायदे मिलते हैं।

यह भी देखें: क्या आपका आधार कार्ड भी हो सकता है एक्सपायर? जानें इसकी वैलिडिटी कितने साल की होती है

Credit Card का बैलेंस ट्रांसफर एक स्मार्ट वित्तीय निर्णय हो सकता है अगर इसका सही समय पर और सावधानी से उपयोग किया जाए। यह न केवल आपको भारी ब्याज दरों से राहत दिलाता है, बल्कि बेहतर फाइनेंशियल प्लानिंग में भी मदद करता है। हालांकि, इसमें लगने वाली फीस, ऑफर की अवधि और रीपेमेंट कैपेसिटी का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। यदि आप फाइनेंशियली स्ट्रेस से गुजर रहे हैं और आपके पास एक से ज्यादा क्रेडिट कार्ड का बकाया है, तो बैलेंस ट्रांसफर आपके लिए एक फायदेमंद विकल्प बन सकता है।

बैलेंस ट्रांसफर क्या है?

बैलेंस ट्रांसफर एक बैंकिंग सुविधा है जिसके जरिए ग्राहक अपने एक क्रेडिट कार्ड का पूरा या आंशिक बकाया किसी अन्य बैंक के क्रेडिट कार्ड पर ट्रांसफर कर सकते हैं। इसका मुख्य उद्देश्य ग्राहक को कम ब्याज दर (Lower Interest Rate) या बिना ब्याज के एक निश्चित अवधि (Zero or Low Interest Period) में बकाया चुकाने का अवसर देना है।

यह भी देखें: लोन लेने वाले की मौत हो जाए तो कौन चुकाएगा बाकी रकम? बैंक का नियम जानकर चौंक जाएंगे

कब करें बैलेंस ट्रांसफर?

बैलेंस ट्रांसफर का निर्णय सोच-समझकर लेना चाहिए। यह तभी किया जाना चाहिए जब:

  • मौजूदा क्रेडिट कार्ड पर ब्याज दर बहुत अधिक हो (जैसे 36% तक सालाना)
  • एक से अधिक कार्ड पर कर्ज बकाया हो और भुगतान करना कठिन हो रहा हो
  • नया कार्ड कम ब्याज दर, बेहतर रीपेमेंट टर्म्स या प्रोमोशनल ऑफर दे रहा हो
  • आप EMI में भुगतान की योजना बना रहे हों

ध्यान रहे कि बैलेंस ट्रांसफर के दौरान अन्य शुल्क जैसे प्रोसेसिंग फीस, ट्रांसफर चार्ज आदि भी ध्यान में रखना जरूरी होता है।

यह भी देखें: कृष 4 में वापसी कर रही हैं प्रियंका चोपड़ा? ऋतिक रोशन के साथ फिर दिखेगी सुपरहिट जोड़ी!

बैलेंस ट्रांसफर कैसे करें?

क्रेडिट कार्ड बैलेंस ट्रांसफर की प्रक्रिया काफी सरल होती है। इसके लिए आपको निम्नलिखित स्टेप्स फॉलो करने होते हैं:

  1. सबसे पहले उस बैंक या क्रेडिट कार्ड कंपनी की पहचान करें जो बैलेंस ट्रांसफर की सुविधा ऑफर कर रही हो।
  2. उनके ऑफर्स, ब्याज दर, प्रोसेसिंग फीस और अवधि को समझें। कई बैंक 0% ब्याज पर 3 से 6 महीने की अवधि तक का ऑफर देते हैं।
  3. बैंक के माध्यम से बैलेंस ट्रांसफर के लिए आवेदन करें। यह प्रक्रिया ऑनलाइन या बैंक शाखा में जाकर की जा सकती है।
  4. बैंक आपके पुराने कार्ड का बकाया चुकाकर उसे नए कार्ड में ट्रांसफर कर देता है।
  5. तय समय सीमा के भीतर आपको नए कार्ड पर बकाया राशि चुकानी होती है।

बैलेंस ट्रांसफर के फायदे

कम ब्याज दर: बैलेंस ट्रांसफर का सबसे बड़ा लाभ है कम या शून्य ब्याज दर। इससे ब्याज पर होने वाला खर्च काफी कम हो जाता है।

ईएमआई विकल्प: कई बैंक बैलेंस ट्रांसफर राशि को EMI में बदलने की सुविधा देते हैं, जिससे भुगतान आसान हो जाता है।

क्रेडिट स्कोर पर सकारात्मक असर: समय पर भुगतान करने पर आपका क्रेडिट स्कोर (Credit Score) बेहतर हो सकता है।

एक ही जगह भुगतान: यदि आपने कई कार्ड्स का बैलेंस एक ही कार्ड में ट्रांसफर कर लिया है, तो एक ही जगह से ट्रैक करना और भुगतान करना आसान हो जाता है।

अस्थायी राहत: यह उन लोगों के लिए उपयोगी हो सकता है जो अस्थायी रूप से नकदी की तंगी से जूझ रहे हैं।

यह भी देखें: दिल्ली की नई नीति से महिलाओं को मिल सकता है ₹36,000 तक सस्ता इलेक्ट्रिक स्कूटर – जानें कब होगा ऐलान

किन बातों का रखें ध्यान?

बैलेंस ट्रांसफर करते समय कुछ जरूरी सावधानियां बरतनी चाहिए:

  • ऑफर की अवधि खत्म होने के बाद ब्याज दरें अचानक बढ़ सकती हैं।
  • ट्रांसफर राशि पर कोई छिपे हुए चार्ज या प्रोसेसिंग फीस तो नहीं है, यह पहले जान लें।
  • नया क्रेडिट कार्ड समय पर और पूरी तरह चुकाना जरूरी है, वरना ब्याज का बोझ और बढ़ सकता है।
  • सभी बैंकों के ऑफर्स की तुलना करें और तभी निर्णय लें।

Leave a Comment